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देशी गाय का दूध
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भैंस का दूध
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१] सुपाच्य होता है।
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१] पचने में भारी होता है।
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२] इसमें स्वर्ण-क्षार होते है।
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२] इसमें स्वर्ण-क्षार नहीं होते हैं।
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३] बुद्धि को कुशाग्र बनाता हैं।
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३] बुद्धि को मंद करता है।
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४] स्मरणशक्ति बढाता है एवं स्फूर्ति प्रदान करता है।
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४] यह आलस्य व अत्यधिक नींद लाता हैं।
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५] यह सत्त्वगुण बढ़ता है।
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५] यह तमोगुण बढ़ाता हैं।
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६] गाय अपना बछड़ा देखकर स्नेह व वात्सल्य से भर के दूध
देती है।
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६] भैंस स्वाद व खुराक देखकर दूध देती है। भैंस का दूध पी
के बड़े होनेवाले भाई सम्पदा के लिए लड़ते-मरते हैं।
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देशी गाय के दूध में
सम्पूर्ण प्रोटीन्स रहने के कारण यह मनुष्यों के लिए अनिवार्य हैं। भैंस के दूध की
अपेक्षा गाय के दूध में रहनेवाले प्रोटीन्स सुगमता से पचते हैं। गाय के दूध में
ऑक्सिडेज तथा रिडक्टेज एंजाइम की प्रचुरता रहती है, जो पाचन
में सहायता देने के अतिरिक्त दूध पीनेवालों के शरीर में पाये जानेवाले टोक्सिंस
(विषैले पदार्थ) को दूर करते हैं।
देशी गाय के दूध की और
भी अनेक विशेषताएँ हैं। ऊपर दिये गये बिन्दुओं से देशी गाय के दूध की श्रेष्ठता
स्पष्ट हो जाती है। देशी गाय का दूध पीकर हम आयु, बुद्धिमत्ता,
सात्त्विकता, निरोगता आदि बढायें या भैंस का
दूध पी के इन्हें घटायें – यह हमारे हाथ की बात है।
भैंस के दूध से भी
अधिक हानिकारक हैं जर्सी आदि विदेशी संकरित गायों का दूध।
- स्त्रोत- ऋषिप्रसाद –मार्च – २०१६
से
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