हिन्दू संतों पर अत्याचार व षड्यंत्र
सब से ख़राब बात ….
                       आज देश की दुर्दशा को देखते हुए हिन्दू संत अब धीरे-धीरे मुखर होने लगे हैं जिससे जनता जाग्रत हो रही है इसलिए इन संतों पर गाज गिरने लगी है। श्री सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि भारत के विख्यात संतों को बदनाम करने के पीछे सोनिया-कांग्रेस का हाथ है।
संतों पर अत्याचार क्यों ?
                   हमारे देश की एक बड़ी पार्टी की महिला भी है जो कि हर बार जब भी कोई बड़े साधु-संत के खिलाफ षड्यंत्र करना होता है तो इल्लुमिनाती के अध्यक्ष पोप को जानकारी देने व मार्गदर्शन लेने विदेश जाती है। सरकारी आँकड़ों के मुताबिक भारत में ईसाई मिशनरी संस्थाओं का जमीन पर कब्जा क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे अधिक है। अनेक पादरी बालकों के यौन शोषण में पकड़े जाते हैं व ननें गर्भवती हो जाती हैं। ईसाई मिशनरियाँ छल कपट व लोभ-लालच के बल पर भोले-भाले हिन्दुओें का धर्मान्तरण कर रही हैं।
आप किस पर विश्वास करोगे ?
               स्वामी नित्यानंद की सेक्स सी.डी. फर्जी पाये जाने पर न्यायालय ने मीडिया को जमकर लताड़ लगाई थी, उनसे माफीनामा भी दिलवाया गया ।
                 पाण्डिच्चेरी की एक अदालत ने शंकर रमन हत्याकांड मामले में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को निर्दोष बरी कर दिया ।
                     संत आसारामजी बापू पर तांत्रिक विधि के आरोप लगे, जिसको सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज करते हुए क्लीनचिट दी थी फिर भी मीडिया इस पर चुप्पी साध गई ।

हिन्दू संतों को बदनाम करने की साजिस
                       जब हिन्दू संतों को बदनाम करना होगा या समाचार चैनलों को खुद की दर्शक संख्या (टी.आर.पी.) बढ़ानी होगी उस समय तो उनके एंकर चीख-चीखकर टी.वी. का पर्दा फाड़ देंगे लेकिन जब वही संत अदालतों द्वारा बेदाग बरी कर दिये जाते हैं उस समय वही मीडिया अपने मुँह में दही जमाकर बैठ जाती हैं। माफीनामा भी पेश करते हैं तो चुपके-चुपके ।

साध्वी प्रज्ञा को अमानवीय प्रताड़ना
                           हिन्दू धर्मध्वजा को लहराने वाली साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर को २००८ में हैदराबाद तथा मालेगाँव मस्जिद में बम ब्लास्ट का झूठा आरोप लगाकर जेल में डाल दिया । ६ अगस्त २००८ को पुलिस ने उन्हें धर्म भ्रष्ट करने का प्रयत्न किया । अमानुषिक अकथनीय अत्याचार करके विषैले इंजेक्शन आदि देकर लकवा का मरीज बना दिया गया । क्यों ? सिर्फ इसलिए कि वे धर्मांतरण के काम में बाधक बनती थीं । पिछले ६ वर्षों में लगातार उनका स्वास्थ्य गिरता रहा और उनकी परेशानियाँं बढ़ती चली गयीं और अब वह पांँव से चल भी नहीं पाती हैं । केन्द्र सरकार की हठधर्मिता की वजह से पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी । उल्टा भगवा आतंकवाद की दलील देकर उन्हें जेल से छूटने तक नहीं दिया गया ।
               बहुचर्चित सुनील जोशी की हत्या मामले में ६ साल बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने माना है कि पुलिस ने इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर गलती की थी ।


निर्दोष शंकराचार्य पर लगाया हत्या का झूठा आरोप
                                कांची कामकोटि पीठ कई धार्मिक संस्थान, शिक्षा संस्थान, अस्पताल, वृद्ध लोगों के लिए घर और एक विश्वविद्यालय भी चलाती है । तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता की बेशर्म सरकार ने सन् २००४ की दीपावली की रात को निर्दोष शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती जी को गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया। उन्हें अपराधियों की तरह पुलिस स्टेशन ले जाया गया था । मामले का ट्रायल करीब ९ साल तक चला । पांडिचेरी की एक अदालत ने शंकर रमन हत्याकांड मामले में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य समेत सभी २३ आरोपियों को नवम्बर २०१३ में बरी कर दिया । बिकाऊ मीडिया ने झूठा कुप्रचार किया था कि शंकराचार्यजी ने अपराध कबूल कर लिया है जबकि पुलिस ऐसा कोई सबूत नहीं दे पायी थी । राजनैतिक षड्यंत्र तो असफल हो गया पर शंकराचार्यजी को २ माह तक जेल में रखा गया व सतत ९ वर्ष तक उनके मान-सम्मान को जो क्षति पहुँचायी गई उसकी भरपाई कौन करेगा ?


स्वामी नित्यानंद की बनाई गई फर्जी सेक्स सी.डी.
             स्वामी नित्यानंद कर्नाटक में सनातन धर्म की अलख जगाये रखने तथा चर्च के धर्मांतरण के बढ़ते कदमों को थामने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं । उनका एक अभिनेत्री के साथ अंतरंग दृश्यों का फर्जी वीडियो प्रसारित किया जाता है ।
                 तत्काल बिकाऊ मीडिया उछल-उछलकर नित्यानंद सरस्वती के खिलाफ एक सुनियोजित अभियान चलाने लगता है । सन् २०१० में नित्यानंद इस मामले में ५२ दिन तक जेल में रहे ।
                        मीडिया ट्रायल कर-करके इस मामले में हिन्दू धर्म व भगवा वस्त्रों इत्यादि को भी जमकर कोसा गया । जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ा पता चला कि पुलिस और चैनलों को नित्यानंद की सी.डी. देकर आरोप लगाने वाला व्यक्ति कुरुप्पन लेनिनएक धर्म-परिवर्तित ईसाई है । यह व्यक्ति पहले एक फिल्म स्टूडियो में काम कर चुका है तथा वीडियो मॉर्फिंग में कुशल है । जाँच में पता चला कि वह वीडियो नकली व बनावटी था ।
                    वीडियो में पाया गया व्यक्ति नित्यानंद नहीं है । न्यायालय ने स्टार टी.वी. और इसके उप चैनल (स्टारविजय) तथा आजतक को अपने चैनल पर लगातार प्रति घंटे माफीनामा चलाने का आदेश दिया । फर्जी सेक्स सी.डी. बनाने वाले लेनिन को गिरफ्तार कर लिया गया ।
                  स्वामी नित्यानंद के साथ कथित अश्लील हरकतों वाले फर्जी वीडियो से सुर्खियों में आयी तमिल अभिनेत्री रंजीता ने उनके साथ यौन-संबंध होने से इन्कार किया तथा टी.वी. चैनलों पर दिखाई गई फुटेज को फर्जी करार दिया है । अभिनेत्री रंजीता ने इसका रहस्योद्घाटन करते हुए कहा : इस साजिश के पीछे क्रिश्चियन मिशनरी का हाथ है ।

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