सनातन हिन्दू धर्मके विश्वव्यापक रूप का पुनः प्रमाण मिला !
जर्मनी : पुरातत्ववाले लोगोंको यहां की एक गुफा में भगवान श्रीविष्णु के चौथे अवतारवाली नृसिंहकी ३२ सहस्र वर्ष प्राचीन मूर्ति मिली है !

कहा जा रहा है कि, इस से सभी धर्म में सनातन वैदिक हिन्दू धर्म अनादि एवं सब से प्राचीन होने का और एक प्रमाण मिलता है। पश्चिमी पुरातत्ववाले लोगोंके अनुसार यह मूर्ति किसी मंदिर की मुख्य देवता की मूर्ति है।

नृसिंह भगवान ने भक्त प्रल्हाद की रक्षा हेतु उसके पिता एवं राक्षस हिरण्यकश्यप का वध किया। हिरण्यकश्यप को शिव ने वर दिया था कि उसे दिन में भी मृत्यु नहीं आएगी एवं रात्रि में भी !

इसलिए भगवान नृसिंह ने सायं समय में उसका वध किया !

इस मूर्ति की एक और विशेषता यह कि यह जर्मनी में मिलनेवाले अन्य साधारण मूर्तियोंसे यह भिन्न है। संगमरवर से बनाई गई यह मूर्ति जर्मनी में पाई गई बडी मूर्तियों में एक है। (विश्व के कोने कोने में समय-समय पर मिल रही प्राचीन मूर्तियां एवं कलाएंदेखने पर सिद्ध होता है कि, विश्व के आरंभ मे केवल एक ही धर्म अस्तित्व में था ! हिन्दुओ, इस बात पर गर्व करें ! संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)