नववर्ष मंगलमय हो, आनंदमय हो । भारतीय संस्कृति तथा गुरु-ज्ञान से,
महापुरुषों के ज्ञान से सभीका जीवन उन्नत हो।

चेटीचंड महोत्सव अर्थात् भगवान झुलेलाल का अवतरण-दिवस
चेटीचंड महोत्सव की खूब-खूब बधाइयाँ।

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का पावन संदेश
(८ अप्रैल)
               ''यह उत्सव मनाने का उद्देश्य मानव-जाति को यह संदेश देना है कि दुष्ट शक्तियों से जूझने के लिए सज्जनों को संगठित होकर उपाय खोजना चाहिए और बाहर के उपाय की अपेक्षा उडेरोलाल के पास जाना चाहिए (अंतरात्मा में गोता लगाना चाहिए) । उडेरोलाल अर्थात् उदयचंद । उस परमात्मा के कितने भी नाम रखो, कम हैं । उदयचंद, जो जप-प्रार्थना करके विश्रांति पाओ तो उदय हो जाय वह ईश्वर है उदयचंद... मन बाहर भागे तो उसे उदयचंद, उडेरोलाल, झूलेलाल की सामान्य सत्ता मिलती है और मन श्रमरहित होकर चिंतन करते-करते विश्रांति पाये तो उसकी विशेष कृपा प्राप्त होती है । इन्द्रियाँ मन के द्वारा जिसकी सत्ता से झूल रही हैं, काम कर रही हैं, वह है झुलेलाल, उडेरोलाल...
(ऋषि प्रसाद : मई २००५)
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आज से चैत्र नवरात्रे व हिंदू नव वर्ष आरंभ। इसी दिन से ब्रह्माजी ने
सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। माना जाता है इस नवरात्रि के दिनों में
माँ दुर्गा की आराधना से प्राप्त जीवन शक्ति साल भर क्षय नहीं होती।
दरिद्रता निवारण हेतु 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं ऐं कमल वासिन्ये स्वाहा' का
जप करें। ૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐ
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॥ॐ॥ जय श्री कृष्ण ॥ॐ॥