हिन्दू संतो पर आरोप आखिर कब तक?

एक निर्दोष संत पर पैसा नही देने पर लगाया आरोप...!!!
             श्रीमद् जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री राघवेश्वर भारती स्वामीजी, ४० वर्ष की उम्र के जो कि पहले हरीश शर्मा के नाम से जाने जाते थे। उन्होंने अप्रैल , 1994 में सन्यास धर्म को अपनाया और श्री रामचंद्र म के पुजारी बने । मठ का मुख़्य आश्रम शिवमोगा जिले में और दूसरा ऑफिस बैंगलोर में है।

              एक ५० वर्षीय गायिका जो क़ि मठ से शिवमोगा जिले से जुडी हुई है, उसने राघेश्वरा भारती जी के खिलाफ सन २०११ से २०१४ के बीच १६७ बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था ।
आइये हम आपको बताते है क़ि मामला कहाँ से और कैसे शुरू हुआ...
             गायिका ने राघेश्वरा भारती जी से करोड़ रुपए मांगे थे लेकिन स्वामी जी ने उसकी एक न सुनी। तो गायिका ने राघेश्वरा जी को धमकी देना शुरू कर दिया। जिससे मठ में रहने वाले अन्य शिष्यों ने पुलिस में FIR करके गायिका को गिरफ्तार करवा दिया ।
बाद में अगस्त २६, २०१४ को
            गायिका की बेटी ने राघेश्वरा जी के खिलाफ अपनी माँ का यौन उत्पीड़न की FIR कराई । उसके अनुसार २०११ से २०१४ के बीच राम कथा के कार्यक्रमों के दौरान उसकी माँ के साथ राघेश्वरा जी ने यौन दुर्व्यवहार किया । भगवान के नाम पर उनको मंत्र मुग्ध किया गया। गायिका ने बताया क़ि जब बलात्कार किया था उस समय के कपड़े भी मेरे पास है। चार्जशीट के मुताबिक हर बार राम कथा सुनने के बहाने राघेश्वरा जी गायिका को कमरे में बुलाकर उसके साथ दुव्यवहार करते। वो गायिका को धार्मिक कार्यक्रम के लिए अलग-अलग स्थान में ले जाते थे। जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश। गायिका ने यह भी आरोप लगाया कि राघवेश्वर जी उसको धमका कर अपने वश में रखते थे।
            गायिका की बेटी की फ़रियाद के बाद CID ने १३६१ पन्नों की चार्जशीट बनाई थी । और एक चौकाने वाली बात यह है क़ि पुलिस के मुताबिक फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि भी करा दिया । राघेश्वर जी का १० बार मेडिकल जाँच करवाया गया। पर कोर्ट में जज ने गौर किया क़ि गायिका के ब्यान सुनवाई के और पूछ-ताछ के दौरान परस्पर विरुद्ध पाए गए। जज का कहना है क़ि बलात्कार का कोई ठोस सबूत न होने के कारण इस  मामले की सुनवाई की जरुरत ही नही है। सत्र न्यायालय के जज जी. बी. मुदिगौदर का कहना है क़ि न तो कॉल रिकॉर्ड से और ना ही डीएनए के नमूने ( जो की कपडे के दाग से मिले है ) कोई ठोस सबूत प्रदान कर रहे हैं। राघेश्वरा भारती जी के खिलाफ बलात्कार के मामले में  जज ने सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया । और राघेश्वरा जी को निर्दोष साबित कर रिहा किया। गायिका ने सेशन कोर्ट के जज को बदलने की अर्जी हाई कोर्ट में लगाई थी। ये कहकर क़ि जज आरोपी के पक्ष में हैं। हाईकोर्ट ने जज को बदलने की १० मार्च २०१६ को गायिका की अर्जी खारिज कर दी क्योंकि स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटेर जो कि इस केस के लिए नियुक्त हुए थे उन्होंने किसी बदलाव की मांग नहीं की थी।
               जब उन पर आरोप लगा तो मीडिया ने उनके खिलाफ जनता के मन में खूब ज़हर भरा पर अब जब वे निर्दोष साबित हुवे तो एक मिनट की भी न्यूज़ नही चलायी गई।
आखिर क्यों...???
            आज हर समझदार व्यक्तित्व इस बात को समझ रहा है क़ि हमारे हिन्दू संतो के साथ षड़यंत्र हो रहा है। ऐसे ही वर्तमान में झूठा आरोप संत आसारामजी बापू पर लगाया गया है । जो की अभीतक कोई आरोप सिद्ध नही हुआ है । फिर भी मीडिया जमकर उनका कुप्रचार कर रही है ।
           यह षड़यंत्र हिन्दू संतो के साथ नही बल्कि हिन्दू संस्कृति को तोड़ने के लिए हो रहा है। क्योंकि हिन्दू संस्कृति हमारे हिन्दू संतों ने ही विश्व मानव तक पहुँचायी है। तो अगर संस्कृति नष्ट करनी है तो सबसे पहले हिन्दू संतो और समाज के बीच खाई खोदो। ये खाई खोदने का काम किया विदेशी फंड से चलने वाली भारतीय बिकाऊ मीडिया ने।
              अगर हिन्दू ऐसे ही निष्क्रिय होकर मौन सबकुछ देखता रहा तो वो दिन दूर नही जब हिंदुओं पर किसी और धर्म का आधिपत्य होगा।
जागो हिन्दू जागो