प्रसिद्ध
न्यायविद् डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रचारित किये गये कुछ
महत्त्वपूर्ण तथ्य ।
1) घेराबंदी
से ग्रस्त हिन्दुओं! झूठे आरोपों व कुप्रचार के माध्यम से तुम्हारे मार्गदर्शक व
संत योजनाबद्ध रीति से समाप्त कर दिये जायेंगे। जब तक यह बात तुम्हारी समझ में
आयेगी, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। अतः सावधान!
2) धर्मांतरण
कार्यों का प्रतिरोध करने में आशाराम बापू सबसे आगे हैं।
3) हिन्दू-विरोधी
एवं राष्ट्र-विरोधी ताकतों के गहरे षड्यंत्रों को और हिन्दू संतों को बदनाम करने
के उनके गुप्त हथकंडों को सीधे व भोले-भाले हिन्दू नहीं देख पा रहे।
4) पूर्व
में काँची मठ के शंकराचार्य जी को हत्या के झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया
एवं मीडिया ने भी उनको कातिल ही प्रचारित किया। जब उनको निर्दोष छोड़ा गया तो किसी
मीडिया प्रतिष्ठान ने उन्हें कातिल कहने के लिए कोई क्षमायाचना नहीं की।
5) साध्वी
प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक भी सबूत व बिना चार्जशीट के पिछले 6 वर्षों
से जेल में पड़ी हैं केवल इसलिए कि वे हिन्दू साध्वी हैं।
6) सबसे
खराब बात यह है कि धर्म-निरपेक्ष-हीन भावना
के शिकार अधिकांश हिन्दू जो भी मीडिया कहता है, उसे तुरंत सत्य
मान लेते हैं। कोई सबूत नहीं, कोई जाँच नहीं, कोई
दोषी सिद्ध करना नहीं- अचानक सभी लोग जज बन जाते हैं क्योंकि मीडिया और फिल्मों ने
हमारे दिमागों में कूट- कूटकर भर रखा है कि अगर कोई हिन्दू संत है तो वह अवश्य ही
भ्रष्ट और विकृत है।
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