श्री गौमाता प्राकट्य दिवस (गौ माता जन्मोत्स्व) की हार्दिक शुभकामनायें।

आज श्री कार्तिक अमावस्या ( दीपावली ) की सुबह श्री गौ माता का प्राकट्य
हुआ था। आईये हम सब आज दीपावली पर गौ माता का जन्मदिवस मनाऐँ। हमारे
शास्त्रों मे भी लिखा है की कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन गौमाता
की पूजा करने से माता लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है। गौमाता के पूजन से धन
(लक्ष्मी जी), सदबुद्धि (सरस्वती जी) विधा एवं शुभ (गणेश जी) तथा समस्त
कामनाओ की प्राप्ती होती है। हमारे शास्त्रों मे गाय को साक्षात् भगवान
ही बतलाया गया है। सभी ३३ प्रकार के देवी-देवता गाय माता के शरीर मे वास
करते है। साक्षात भगवान भी गाय माता की सेवा करते है। इसलिये उनका नाम
गोपाल, गोविंद हुआ। शास्त्र कहते है की यदि कोई मनुष्य निस्वार्थ भाव से
गौमाता की पूजा एवं सेवा करे तो उसके लिये विश्व मेँ कुछ भी दुर्लभ नही
है। गौमाता की सेवा से नव गृह दोष भी नष्ट हो जाते है। जो दिपावली के दिन
गौमाता की पूजा करता है उसे समस्त रिद्धि सिद्धियों की प्राप्ती होती है।
अतः नित्य गौ ग्रास अवश्य निकाले एवं गौसेवा अवश्य करे। आछ दिपावली के
दिन गौपूजन अवश्य करे......
दिपावली गौपूजन समय : दोपहर ०२ बजे से गौधूलिबेला तक घर मे अथवा नजदीक की
गौशाला मे गौपूजन करे।
पूजन सामग्रि : गुड़, ताजा रोटी, हरा चारा, चंदन, धूप-दीप, रोली-मोली
आदि। सर्व देवमयिदेवीं गावो विश्वश्य मातरः । अतः गौमाता हमारे सनातन
धर्म रूपी वृक्ष का मूल (जड़) हैं, और मूल मे पानी देने के बाद तनों
पत्तो मे पानी देने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐँ। हम सब को बल, बुद्धि, ज्ञान,
भक्ति और वैराग्य मिलता रहे यही भगवान से प्रार्थना है।
जय गौमाता ।