हिन्दू जो सच्चाई से परे हैं, वे अपने ही धर्म की ध्वजा लेकर चलने वालोँ को मुर्ख और गलत रास्ते जानेवाला मानते हैं। इस बात पर गौर करें। सच्चाई : क्या आप जानते हो कि आशारामजी बापू को क्यों फँसाया गया? १) लाखों इसाईयोको पुनः हिंदू बनाने वाले आशारामजी बापू हैं। आप रायगड, छत्तीसगढ, ओडिसा जैसे क्षेत्रों मे जाकर आशारामजी बापू कार्य अब भी देख सकते हो। २) जब शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को षडयंत्रपुर्वक गिरफ्तार किया तो आंदोलन करने वाले उनका संकट अपने उपर लेनेवाले आशारामजी बापू थे। ३) पुनः गुरूकुल शिक्षण पद्धती को बढावा देनेवाले आशारामजी बापू हैं। ४) हजारो गायों को कत्तलखाने से बचाने वाले आशारामजी बापू हैं। आप आश्रम कि किसी भी गौशाला को आज भी जाकर देखो वहाँ आज भी किसीसे भी एक रूपया तक चंदा लिए बगैर गौमाता कि सेवा कि जाती है ! ५) लाखों मनुष्यों का मद्य मांस छुड़ाने वाले आशारामजी बापू हैं। ६) हजारों बाल संस्कार चलाने वाले आशारामजी बापू हैं। ७) भारतीय संस्कृती की ध्वजा शिकागो तक फहराने वाले आशारामजी बापू हैं। ८) आशारामजी बापू के आश्रम १०० से जादा देशों में फैल चूके हैं। इस का मतलब हमने हिंदूत्व का काम १०० से ज्यादा देशों तक पहुँचाया है। ९) काशी के महान आचार्यों ने भी मान लियी है की सबसे ज्यादा भीड़ आशारामजी बापू के सत्संग मे हुआ करती थी और है। १०) आशारामजी बापू एक आत्मज्ञानी महात्मा हैं जिनके शरीर को स्पर्श कर बेहती हुवी हवा से भी हम पवित्र होते हैं। ये आप जोधपुर के कैदियों को देखकर जान जायेंगे। ऐसे महापुरूष दुनिया मे कभी कबार ही अवतार लेते हैं। ११) वेलेंटाईन डे के खिलाफ आवाज उठाने वाले आसारामजी बापू हैं। १२) तो बापू को क्यों फंसाया? ईसाई मिशनरीयों के तथा तथाकथीत सेकुलर पार्टीयों के लिए सबसे बड़ी बाधा हैं आशारामजी बापू अरे! झूठी लड़की को बहला फुसलाकर मिडीया को हफ्ता देकर.....षडयंत्र रचाकर बापूजी को गिरफ्तार किया गया....मिडिया को पैसे दे दे कर बापूजी को बदनाम किया गया......मगर आशारामजी बापू आज भी मुस्कुरा रहे हैं..... क्योंकि बापूजी जैसे संत वास्तव में सत्य परेशान भी नहीं हो सकता और पराजीत भी नहीं हो सकता। हठ रहे हैं बादल सूरज निकलने वाला है। आँख खोलकर देख लो षडयंत्रकारियो मेरे गुरू बाहर आने वाले हैं॥ मेरा भारत विश्वगुरू बनने वाला है॥ हिंदू संत का अंत कभी हो नहीं सकता। अंत तो हिंदू विरोधी ताकदों का होगा....अंत तो अधर्म का होगा...... ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ