अकबर ने प्रयाग को लूटा एवं मन्दिर ध्वस्त कर उसका नाम अल्लाहाबाद रख दिया। जिसका अर्थ था कि अल्लाह ने उसे आबाद कर दिया। यह नाम अभी भी चल रहा है। यह बतलाता है कि मुस्लिम काल मे निर्माण कैसे किया जाता था। अकबर को महान इसलिये कहा जाता हॆ कि उसने राजपूतों की लडकियों से निकाह किया था लेकिन एक भी मुस्लिम लडकी राजपूतों कॊ नही दिया। यह राजपूतों का आत्मसमर्पण करने जैसा था। अकबर किसी भी सैनिक अभियान मे सीधे भाग नही लेता था। राजपूतों को ही भेज देता था मरने कटने के लिये। महाराणा प्रताप से भी वह स्वयं कभी नही लडा। आमेर अर्थात जयपुर के राजा मानसिंह को भिडा दिया। इस प्रकार वह राजपूतों को युक्तिपूर्वक बेवकूफ बनाकर अपना राज्य विस्तार किया। दीने इलाही इस्लाम का ही अकबरीकरन था जिसका अर्थ होता है अल्लाह का धर्म। रहीम खान जो बैरम खान का बेटा और दरबारी था तथा अन्य कुछ और खुशामदी दरबारियों ने अकबर को खुश करने के लिये इसे अपनाया था लेकिन सामान्य मुस्लिमों ने इसे नकार दिया था। यही कारण है कि बाद मे इसका कोई नाम लेनेवाला नही रहा। लेकिन वामपंथी इतिहासकारों ने दीने इलाही को हवा दे दिया है। यही कारण हॆ कि अकबर को महान कहा जाता है।