औरत नहीं...ये तो उपभोग की वस्तु है ये नंगी घूमने वाली औरते पुरुषो को सोच बदलने की नसीहत देती है...इनके अनुसार पुरुष इन औरतो को इज्जत की नज़र से देखे.,माँ बहन समझे.... लेकिन प्रश्न ये है कि क्या कोई माँ या बहन अपने भाई या बेटे के आगे नंगी होकर घूमती है??? क्योंकि भारत तो वो देश है जहाँ आज भी कई स्त्रीया जब पराये पुरुष से बात करती है तब अपने सिर पर पल्लू रख लेती है ...क्या ये औरते भी पुरुषो को भाई या पिता की नज़र से देखती है??? उसके बाद इन अर्धनग्न घूमने वाली औरतो के पुरुष समर्थक भी सोच बदलने की नसीहत देते है.... जबकि सच तो ये है कि ये स्त्री लंपट पुरुष खुद सोच नहीं बदल पाते..बाहर से वो कितना भी दिखावा करे लेकिन अंदर से उनके मन में भी ऐसी स्त्रियों के साथ एक रात गुजारने की इच्छा तो होती है...तभी तो झूठी नारी सम्मान की आड़ में ये स्त्री लंपट पुरुष इन औरतो का दिल जीतने की कोशिश करते है जिस से एक रात तो स्त्री उपभोग की नसीब हो ही जाए... और वैसे भी किसी भी महिला को अपनी इज्जत का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए... जब महिला का रेप होता है तो वो कहती है कि मेरी इज्जत लुट गयी...क्योंकि महिला का जिस्म उसकी इज्जत है..तब वो इज्जत का प्रदर्शन क्यों कर रही है.... रही बात सोच बदलने की तो अभी ये औरते आधे स्तन या आधी जांघ या पीठ दिखाती है..कल को आधा गुप्तांग भी दिखाएंगी और सोच बदलने की नसीहत भी दे दिया करेंगी.. मैं इनको कहना चाहूँगा की जब कोई तुमको सीटी मारे या आँख मारे तब तुम भी सोच बदल लिया करो... अहंकार के वशीभूत कुछ मुर्ख अविवेकी औरते कहती है की जब पुरुष अपने अंग दिखा सकता है तो हम क्यों नहीं??? ओह्ह...तो ये मिथ्या अहंकार की लड़ाई है.. आज मालूम हुआ की पुरुष अंग दिखाते है इसलिए औरते भी दिखाती है... जबकि सच तो ये है की पुरुष पूरे कपडे पहनकर घुमते है ..इसी तस्वीर में देख लो..कहीं भी चले जाइए शौपिंग मॉल या सिनेमा में ..औरते ही नंगी घूमती दिखेंगी..पुरुष नहीं...और वैसे भी जिस्म की मंडी में ये बेशर्म औरते ही बिकती है ..न कि पुरुष.... इन औरतो के पास न बुद्धि होती है और न ही विवेक..सिर्फ एक जिस्म होता है..और वही जिस्म आज इनकी कमाई का जरिया है।।बड़े बड़े पदों पर जो औरते बैठी है वो किस तरह से वहां तक पहुँचती है ये बात किसी से छुपी नहीं है... पहले औरत खुद को तो इंसान समझे .वो तो खुद को उपभोग आनंद की वस्तु बनाने में लगी हुयी है...पुरुष या समाज क्या खाक इनको इंसान समझेगा..क्या नाबालिक और कोमल मन वाले बच्चों को हम सोच बदलने की नसीहत देंगे?? या इन नंगी औरतो को कड़ी सजा देंगे?? कलयुग की स्त्रीया निर्लज्ज होगी---श्रीमद् भागवत.....