रुचिकर व पोषक नारियल पानी। सुबह चाय के बदले नारियल पानी में नींबू का रस निचोड़कर पीने से शरीर की सारी गर्मी मूत्र एवं मॉल के साथ निकल जाती है और रक्त शुद्ध होता है। बच्चों में कृमि तथा उलटी में भी यह नीबूयुक्त पानी लाभकारी है। हृदय, यकृत एवं गुर्दे के रोगों में यह लाभप्रद है। यह दवाइयों के विषैले असर को नष्ट कर देता है। दक्षिण भारत में स्तनपान करनेवाली माँ का दूध कम हो जाने पर गाय के दूध में नारियल पानी मिलाकर पिलाते हैं। इससे शिशु नारियल के पानी के कारण गाय के दूध को पचा लेता हैं। हैजे में नारियल का पानी आशीर्वादस्वरुप हैं। हैजे के विषाक्त कीटाणु आँतों में जाते हैं। नारियल का पानी उन सबको निकाल देता हैं। साथ ही शरीर में कम हुए सोडियम एवं पोटैशियम की पूर्ति कर जलीय अंश की वृद्धि करता हैं। "स्कुल ऑफ़ ट्रॉपिकल मेडिसिन" के विशेषज्ञों का मत हैं कि हैजे में पोटैशियम सॉल्ट के इंजेक्शन देने के बजाय नारियल पानी में निहित प्राकृतिक पोटैशियम देना लाभदायी हैं। टाइफाइड, कोलाइटिस, चेचक, पेचिश व अतिसार में नारियल का पानी अधिक हितकारी होता हैं। गर्भवती महिलाएँ यदि रोज नारियल पानी पीती हैं तो बालक सुंदर पैदा होता हैं। १०० ग्राम नारियल पानी में निम्नानुसार तत्त्व पाये जाते हैं : कार्बोहाइड्रेट - ३.७१ ग्राम, प्रोटीन - ०.७२ ग्राम, लौह - ०.२९ मि.ग्राम, कैल्शियम - २४ मि. ग्राम, फॉस्फोरस - २० मि. ग्राम, सोडियम - १०५ मि. ग्राम, पोटैशियम -२५० मि. ग्राम, विटामिन 'सी' -२.४ मि. ग्राम, ऊर्जा - १९ किलो कैलोरी इनके अलवा मैग्नेशियम तथा क्लोरीन आदि खनिज तत्त्व भी होते हैं। ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ