प्रश्न:- संस्कृत भाषा ही सर्वश्रेष्ठ क्योँ और इसकी वैज्ञानिकता क्या? 
उत्तर:- देवभाषा संस्कृत की गूंज कुछ साल बाद अंतरिक्ष में सुनाई दे सकती है। इसके वैज्ञानिक पहलू का मुरीद हुआ अमेरिका नासा की भाषा बनाने की कसरत में जुटा है।इस प्रोजेक्ट पर भारतीय संस्कृत विद्वानों के इन्कार के बाद अमेरिका अपनी नई पीढ़ी को इस भाषा में पारंगत करने में जुट गया है। नासा के वैज्ञानिक 'रिक ब्रिग्स' ने 1985 मेंभारत से संस्कृत के 1,000 प्रकांड विद्वानों को बुलाया था। उन्हें नासा में नौकरी का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया कि संस्कृत ऐसी प्राकृतिक भाषा है, जिसमें सूत्र के रूप में कंप्यूटर के जरिए कोई भी संदेश कम से कम शब्दों में भेजा जा सकता है। विदेशी उपयोग में अपनी भाषा की मदद देने से उन विद्वानों ने इन्कार कर दिया था। इसके कई अन्य वैज्ञानिक पहलू समझते हुए अमेरिका ने वहां नर्सरी क्लास से ही बच्चों को संस्कृत की शिक्षा शुरू कर दी है। नासा के 'मिशन संस्कृत' की पुष्टि उसकी वेबसाइट भी करती है। उसमें स्पष्ट लिखा है कि 20 साल से नासा संस्कृत पर काफी पैसा और मेहनत कर चुकी है। साथ ही इसके कंप्यूटर प्रयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ भाषा का भी उल्लेख है। 'नासा' संस्कृत को कंप्यूटर की भाषा बनाने के लिए शोध कर रहा है क्यूंकी इसका वाक्यविन्यास (Syntax) उत्तम है और त्रुटि की जरा भी संभावना नहीं है.... इधर हमारे देश में इंग्लिश बोलना शान की बात मानी जा रही है। इंग्लिश नहीं आने पर लोग आत्मग्लानि अनुभव करते है, जगह जगह इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स चल रहें है और उधर हमारे देश की संस्कृत विदेशों में सम्मान पा रही है...लोर्ड मैकाले वाकई सफल रहें अपने षडयंत्र में। ** भारत की सरकार और लोगों को भी अब जागना चाहिए और अँग्रेजी की गुलामी से बाहर निकाल कर अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। भारत सरकार को भी'संस्कृत' को नर्सरी से ही पाठ्यक्रम में शामिल करके देववाणी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाना चाहिए। ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ