गुरुमंत्र के जप से उत्पन्न १ शक्तियाँ

गुरुमंत्र के जप से उत्पन्न १५ शक्तियाँ

.      भुवनपावनी शक्तिः नाम कमाई वाले संत जहाँ जाते हैं, जहाँ रहते हैं, यह भुवनपावनी शक्ति उस जगह को तीर्थ बना देती है।

.      सर्वव्याधिनाशिनी शक्तिः सभी रोगों को मिटाने की शक्ति।

.      सर्वदुःखहारिणी शक्तिः सभी दुःखों के प्रभाव को क्षीण करने की शक्ति।

.      कलिकालभुजंगभयनाशिनी शक्तिः कलियुग के दोषों को हरने की शक्ति।

.      नरकोद्धानरिणी शक्तिः नारकीय दुःखों या नारकीय योनियों का अंत करने वाली शक्ति।

.      प्रारब्ध-विनाशिनी शक्तिः भाग्य के कुअंकों को मिटाने की शक्ति।

.      सर्व अपराध भंजनी शक्तिः सारे अपराधों के दुष्फल का नाश करने की शक्ति।

.      कर्म संपूर्तिकारिणी शक्तिः कर्मों को सम्पन्न करने की शक्ति।

.      सर्ववेददीर्थादिक फलदायिनी शक्तिः सभी वेदों के पाठ व तीर्थयात्राओं का फल देने की शक्ति।

सर्व अर्थदायिनी शक्तिः सभी शास्त्रों, विषयों का अर्थ व रहस्य प्रकट कर देने की शक्ति।

११जगत आनंददायिनी शक्तिः जगत को आनंदित करने की शक्ति।

१२अगति गतिदायिनी शक्तिः दुर्गति से बचाकर सदगति कराने की शक्ति।

मुक्तिप्रदायिनी शक्तिः इच्छित मुक्ति प्रदान करने की शक्ति।

वैकुंठ लोकदायिनी शक्तिः भगवद धाम प्राप्त कराने की शक्ति।

भगवत्प्रीतिदायिनी शक्तिः भगवान की प्रीति प्रदान करने की शक्ति।

पूज्य बापू जी दीक्षा में ॐकार युक्त वैदिक मंत्र प्रदान करते हैं, जिससे १9 प्रकार की अन्य शक्तियाँ भी प्राप्त होती हैं। उनकी विस्तृत जानकारी आश्रम से प्रकाशित पुस्तक भगवन्नाम जप महिमा में दी गयी है।

पूज्य बापू जी से मंत्रदीक्षा लेकर भगवन्नाम जप करने वालों को उपरोक्त प्रकार के अनेक-अनेक लाभ होते हैं, जिसका पूरा वर्णन करना असंभव है। रामु न सकहिं गुन गाई।

इसलिये हे मानव ! उठ, जाग और पूज्य बापू जी जैसे ब्रह्मनिष्ठ सदगुरु से मंत्रदीक्षा प्राप्त कर..... नियमपूर्वक जप कर.... फिर देख, सफलता तेरी दासी बनने को तैयार हो जायेगी !