बसंत पंचमी (सरस्वती पूजन) आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें...
                                     माँ सरस्वती ज्ञान, बुद्धि एवं संगीत की देवी हैं। विद्यार्थियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व है। सब लोग इस पावन दिवस पर माँ सरस्वती का आशीर्वाद लेते हैँ। माँ सरस्वती वाणी एवं ज्ञान की देवी हैँ। ज्ञान को संसार में सभी चीजों से श्रेष्ठ कहा गया है। इस आधार पर देवी सरस्वती सभी से श्रेष्ठ हैं। कहा जाता है कि जहाँ माँ सरस्वती का वास होता है वहाँ लक्ष्मी एवं काली माता भी विराजमान रहती हैं। इसका प्रमाण है माता वैष्णो का दरबार जहॉ सरस्वती, लक्ष्मी, काली- ये तीनों महाशक्तियाँ साथ में निवास करती हैं। जिस प्रकार माता दुर्गा की पूजा का नवरात्रे में महत्व है उसी प्रकार बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन का महत्व है। सरस्वती पूजा के दिन यानी माघ शुक्ल पंचमी के दिन सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षक एवं छात्रगण सरस्वती माता की पूजा एवं अर्चना करते हैं। सरस्वती माता कला की भी देवी मानी जाती हैं अत: कला क्षेत्र से जुड़े लोग भी माता सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं. छात्रगण सरस्वती माता के साथ-साथ पुस्तक, कापी एवं कलम की पूजा करते हैं। संगीतकार वाद्ययंत्रों की, चित्रकार अपनी तूलिका की पूजा करते हैं।

वसन्त पंचमी- माँ सरस्वती का जन्मोत्सव -
                                    वसन्त पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा की प्रथा सदियों से चली आ रही है। मान्यता है सृष्टि के निर्माण के समय देवी सरस्वती बसंत पंचमी के दिन प्रकट हुई थीं अत: बसंत पंचमी को सरस्वती माता का जन्मदिन माना जाता है। सरस्वती माता का जन्मदिन मनाने के लिए ही माता के भक्त उनकी पूजा करते हैं।
माँ सरस्वती मंत्र -
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता !
या वीणावरदंडमंडितकरा, या श्वेत पद्मासना !!
या ब्रह्मास्च्युत शंकर प्रभृतिर्भिरदेवाः सदाबंदिताः सा मां पातु सरस्वती देवी, या निशेष जाड़यापहा !!
आरती -
                          जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।। मैया जय सरस्वती माता चंद्रवदनी पद्मासिनी, द्युति मंगलकारी सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ।। मैया जय सरस्वती माता बाएं कर में वीणा, दायें कर माला शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ।। मैया जय सरस्वती माता देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ।। मैया जय सरस्वती माता विद्या ज्ञान प्रदायिनी, जग में ज्ञान प्रकाश भरो मोह और अज्ञान तिमिर का, जग से नाश करो ।। मैया जय सरस्वती माता धुप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ।। मैया जय सरस्वती माता माँ सरस्वती की आरती, जो कों जन गावे हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ।।
मैया जय सरस्वती माता
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माता सरस्वती की उत्पत्ति कथा !

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