कब क्या न खाएं?

v भादों और सावन में दही और मठा नहीं खाना चाहिए।

v कार्तिक मास में करेला और बैगन नहीं खाना चाहिए

v श्रावण में हरी सब्जियां (जैसे पालक) नहीं खाना चाहिए , (क्योंकि उनमें जंतु होते हैं)

v भाद्रपद में दही नहीं खाना चाहिए

v आश्विन में दूध और कार्तिक में दाल नहीं खाना चाहिए।

v सूर्यास्त के बाद तिल की कोइ भी वास्तु का प्रयोग नहीं करनी चाहिए।

v अमावस्या , रविवार और पूनम को तिल का तेल हानिकारक होता है

v रविवार को तुलसी, अदरक, लाल मिर्च और लाल सब्जी नहीं खाना चाहिए।

v आँवला रविवार, शुक्रवार और षष्ठी को नहीं खाना चाहिए।·

v तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए (तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है)·

v चतुर्थी को मूली नहीं खाना चाहिए (चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है)

v अष्टमी को नारियल नहीं खाना चाहिए (अष्टमी नारियल खाने से बुद्धि कमजोर होगा, रातको नारियल नहीं खाना चाहिए)

v त्रयोदशी को बैगन नहीं खाना चाहिए ( त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र नाश या पुत्र से दुख मिलता है)·

v श्रावण में हरड़ और कार्तिक में मूली स्वास्थ्य के लिए अच्छा है (श्रावण में जठराग्नि कम होने से पेट के बीमारियाँ ज्यादा होती हैं, इसलिए हरड़ खाना चाहिए)

v भाद्रपद में दूध या दूध से बनी हुई खीर स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, इससे शरीर का पित्त निकल जाता है