जानें क्या है गणेश जी
के “गोबर गणेश” मंदिर की महिमा, क्यों लगी रहती है यहां
भक्तों की अपार भीड़ !
जैसा की आप सभी
जानते हैं कि देशभर में गणेश चतुर्थी के पर्व की शुरुआत हो चुकी है। दस दिनों तक
चलने वाले इस बेहद ख़ास त्यौहार के मौके पर देश भर के गणेश मंदिरों में भक्तों की
अपार भीड़ देखने को मिलती है। आज हम आपको गणेश जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में
बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप शायद ही जानते हों। गणेश जी के इस मंदिर का
नाम है गोबर गणेश मंदिर और यहाँ गणेश जी की मूर्ति गोबर से बनाकर स्थापित की गयी
है। आइये जानते हैं क्या है इस मंदिर की ख़ासियत।
बता दें कि गणेश
चतुर्थी की शुरुआत होते ही घर-घर में इको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने
की होड़ सी लग जाती है। घरों में आपने इको फ्रेंडली गणेश जी मूर्ति स्थापित करते तो
देखा होगा लेकिन आज हम आपको गणेश जी के जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं
वहां स्थापित बप्पा की मूर्ति भी पूरी तरह से इको फ्रेंडली है। जी हाँ आज हम बात
कर रहे हैं मध्यप्रदेश के महेश्वर स्थित गोबर गणेश मंदिर की, यूँ
तो इस मंदिर की काफी विशेषताएं हैं लेकिन यहाँ की सबसे बड़ी विशेषता ये है की यहाँ
गए गणेश जी की मूर्ति गोबर से बनाई गयी है। महेश्वर में नर्मदा नदी के तट पर स्थित
इस मंदिर में गणेश जी के दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। मध्यप्रदेश के
स्थानीय निवासियों का ऐसा मानना है की यहाँ जो भी अपनी मुराद लेकर गणेश जी के
दर्शन के लिए आते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। कोई भक्त यहाँ से खाली हाथ
नहीं लौटता।
गोबर गणेश की मूर्ति है
मुख्य आकर्षण
बता दें कि
मध्यप्रदेश के इस मंदिर में स्थित गणेश जी की मूर्ति का करीबन 70
प्रतिशत हिस्सा गोबर से बनाया गया है और अन्य हिस्सा मिट्टी से निर्मित है। चूँकि
यहाँ गणेश जी की स्थापित मूर्ति गोबर से बनाया गया है इसलिए इस मंदिर का नाम भी
गोबर गणेश रखा गया। गणेश जी के इस मंदिर का देख रेख जीणोद्धार समिति द्वारा की
जाती है। इस मंदिर के बारे में विशेषज्ञों का ऐसा कहना है कि गोबर और मिट्टी से
निर्मित गणेश जी की मूर्ति की पूजा करना पंचभूतात्मक माना जाता है और गोबर में
लक्ष्मी जी का वास होता है। इसलिए यहाँ आकर गणेश जी के दर्शन करने से धन और
समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वैसे देखा जाय
तो मध्यप्रदेश के महेश्वर में स्थित गणेश जी का ये ख़ास मंदिर आम गणेश मंदिरों जैसा
ही लेकिन इसकी मुख्य विशेषता है यहाँ स्थापित गणेश जी के गोबर की मूर्ति। इसके साथ
ही इस मंदिर में गोबर एक गुम्बद का निर्माण भी क्या गया है जो मुख्य आकर्षण का काम
करता है।
बहरहाल आपको भी
अगर मौका मिले तो एक बार इस गोबर गणेश मंदिर के दर्शन के लिए जरूर जाए। विशेष रूप
से गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहाँ ख़ास रौनक देखने को मिलती है।
इस मंदिर में
गणेश की मूर्ति गोबर की बनी हुई है। ये मूर्ति हजारों साल पुरानी है। बाप्पा
के आपने कई रुप देखे होंगे, लेकिन मध्यप्रदेश के महेश्वर में गजानन
की गोबर की मूर्ति है। ये मूर्ति हजारों साल पुरानी है, कहते
हैं यहां नारियल चढ़ाकर पा सकते है बाप्पा से मनचाहा वरदान।
माथे पर मुकुट, गले
में हार, और खूबूसरत श्रृंगार बाप्पा के इस मनमोहक रूप में छिपा है भक्तों के
हर दुख दर्द का इलाज। गणपति का ये रुप मन मोह लेता है और हैरान भी करता है क्योंकि
यहां गणपति को गोबर गणेश के नाम से पुकारते हैं भक्त। मध्य प्रदेश के नीमाड़
क्षेत्र में माहेश्वर कस्बे में बाप्पा देते हैं बड़े ही भव्य रूप में दर्शन।
माहेश्वर में महावीर मार्ग पर बनी गणपति की ये प्रतिमा गोबर और मिट्टी से बनी है
जिसमें एक बड़ा हिस्सा गोबर का है।
आमतौर पर
पूजा-पाठ में हम गोबर के गणपति बनाकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। मिट्टी और गोबर
की मूर्ति में पंचतत्वों का वास माना जाता है और खासकर गोबर में तो मां लक्ष्मी
साक्षात वास करती हैं। इसलिए गोबर गणेश मंदिर में आने वाले भक्तों की मान्यता है
कि यहां दर्शन करने से भक्तों को भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद
मिलता है।
बाप्पा की
प्रतिमा के साथ ही मंदिर का आकार भी भक्तों को हैरान करता है एक तरफ जहां मंदिर का
बाहरी आकार किसी मस्जिद के गुंबद की तरह है वहीं मंदिर के अंदर की बनावट लक्ष्मी
यंत्र की तरह लगती है। कहते हैं औरंगजेब के शासन काल में इस मंदिर को तोड़कर
मस्जिद बनाने का प्रयास किया गया था जिसके कारण मंदिर के गुंबद का आकार मंदिर की
तरह न होकर मस्जिद जैसा है।
मंदिर में
बाप्पा अपनी दोनों पत्नियों रिद्धि-सिद्धि संग देते हैं दर्शन और करते हैं भक्तों
का कल्याण। भक्तों का भी मानना है कि यहां आने से गणपति सभी भक्तों की इच्छा पूरी
कर देते हैं। यही वजह है कि भक्त यहां उल्टा स्वास्तिक बनाकर भगवान तक पहुंचाते
हैं अपनी फरियाद और मनोकामना पूरी होने के बाद यहां आकर सीधा स्वास्तिक बनाना नहीं
भूलते।
महेश्वर के
महावीर मार्ग पर स्थित गोबर गणेश मंदिर में दर्शन के लिए साल भर भक्तों का तांता
लगा रहता है। विशेषकर गणेश उत्सव और दीपावली के मौके पर मंदिर बड़ी संख्या में
भक्तों की भीड़ बाप्पा के दर्शनों के लिए उमड़ती है।
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