जानें सिद्धिविनायक मन्दिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई स्थित भारत का एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है। इस मंदिर की मान्यता इतनी है कि देशभर ही नहीं विदेशों से भी भारी मात्रा में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यह लोगों की आस्था का प्रतीक है। माना जाता है कि बप्पा की महिमा अपरंपार है। वे भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं। उनके दरबार में जो भी आता है, वो खाली हाथ नहीं लौटता है।
आम लोग ही नहीं कई बार तो फिल्मी सितारे
भी अपनी फिल्म की सफलता के लिए बप्पा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। गणेश उत्सव
के समय यहां का नज़ारा देखने लायक होता है। दूर-दूर से श्रद्धालु इस उत्सव को
देखने आते हैं। मंदिर में बप्पा की भव्य मूर्ति के दर्शन के साथ इस मंदिर से जुड़ी
कई सारी दिलचस्प बातों के बारे में बहुत कम लोग जानते है।आइए हम इस मंदिर से जुड़ी
दिलचस्प बातों के बारे में जानते हैं।
सिद्धिविनायक क्यों कहते
हैं
सिद्धिविनायक में भगवान गणेश की सबसे
खूूबसूरत प्रतिमा है। बप्पा की इस प्रतिमा में उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी है।
जानकारी के मुताबिक बप्पा की ऐसी प्रतिमा वाले मंदिर को सिद्धपीठ कहते हैं, इसलिए
इस मंदिर का नाम सिद्धिविनायक है।बप्पा के इस मंदिर की काफी मान्यता है। मान्यता
है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद तुरंत पूरी होती है। इसलिए हर धर्म के
लोग अपनी मुराद लेकर दरबार में आते हैं, जिसे बप्पा अवश्य पूरी करते हैं।
मंदिर का निर्माण
सिद्धिविनायक मंदिर का पहला मंदिर काफी
छोटा था, हालांकि दो दशकों में इस मंदिर का कई
बार पुनर्निमाण हो चुका है। अभी के समय में सिद्धिविनायक मंदिर की इमारत पांच
मंजिला है। मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण कुछ इस तरह किया गया है कि, श्रद्धालुओं
की भीड़ कितनी भी हो वो आसानी से बप्पा के सभा मंडप से सीधे दर्शन कर सकते हैं।
यही नहीं, पहली
मंजिल को भी कुछ इस तरह बनाया गया है कि अगर भक्त चाहें तो वो वहां से भी बप्पा का
सीधे दर्शन कर सकते हैं।गर्भ गृह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर
मंडप बनाया गया है, जिसमें सिद्धिविनायक विराजते हैं। गर्भ
गृह में भक्तों के जाने के लिए तीन दरवाज़े बनाए गए हैं।
मंगलवार की पूजा है खास
वैसे बप्पा के दरबार में हर दिन हजारों
की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं लेकिन सिद्धिविनायक में हर मंगलवार को
भक्त बप्पा के दर्शन की अभिलाषा पूरी करते हैं। इस दिन यहां बप्पा के दर्शन के लिए 4 से 5 घंटे
तक लाइन में लगने के बाद दर्शन हो पाते हैं।
कृषक महिला ने मंदिर
निर्माण के लिए दी थी धन राशि
बप्पा के सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण
एक लक्ष्मण विथु पाटिल नाम के ठेकेदार द्वारा 11 नवंबर 1801 को किया गया था। इस मंदिर के निर्माण से जुड़ी इस बात के बारे
में शायद कम लोग ही जानते होंगे कि इसके निर्माण में लगने वाली धन राशि एक कृषक
महिला ने दी थी। बताया जाता है कि उस महिला की कोई संतान नहीं थी। इसके बाद महिला
ने बप्पा के मंदिर निर्माण में मदद करने के लिए सोचा। वह चाहती थी कि बप्पा के
दर्शन के बाद कोई भी महिला संतान सुख से वंचित ना रहे, हर
किसी को संतान के सुख की प्राप्ति हो।
अमीर मंदिरों में से है एक
मंदिर में विराजमान बप्पा की मूर्ति की
बात करें तो मूर्ति काले पत्थर से बनाई गई है, जिसकी सूंड दाईं तरफ है। यहां भगवान
गणेश अपनी दोनों पत्नियों रिद्धि- सिद्धि के साथ विराजमान हैं। माना जाता है कि इस
मंदिर के दर्शन का फल काफी लाभदायक होता है। यहां गणेश पूजा का बहुत महत्व है।
जानकारी के लिए बता दें कि सिद्धिविनायक मंदिर की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरों
में की जाती हैं। इस मंदिर की देख-रेख करने वाली संस्था मुंबई की सबसे अमीर ट्रस्ट
मानी जाती है।
मूषक पहुंचाते हैं संदेश
सिद्धिविनायक को मराठी भाषा के लोग
नवसाचा गणपति और नवसाला गणपति नाम से भी बुलाते हैं। इसका अर्थ है कि जब भी कोई
सच्चे मन से बप्पा की पूजा अर्चना करता है तो बप्पा उसकी मांगी हर मुराद को पूरा
करते हैं।मंदिर से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह भी है कि बप्पा की सवारी माने जाने
वाले मूषकों की भी यहां दो बड़ी मूर्तियां हैं।मान्यता है कि जो भी भक्त मूषकों के
कानों में अपनी मनोकामनाएं बताते हैं तो वो आपका संदेश बप्पा तक पहुंचाते है।इस
धार्मिक काम को करते हुए आपको बहुत से भक्त यहां दिखेंगे।
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