कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा।
हम डरते नहीं किसी अणु-बमों से, विस्फोटों और तोपों से।
हम डरते है ताशकंद और शिमला जैसे समझौतों से॥
सियार- भेडियों से डर सकती सिहों की औलाद नहीं।
भरतवंश के इस पानी की है तुमको पहचान नहीं॥
एटम बनाकर के तुम किस्मत पर फूल गए।
65-71 और 99 के युद्धों को शायद तुम भूल गए॥
पिग्गिस्तान तू चिंता मत कर। 
इस बार तुम्हारे चेहरे का खोल बदल देंगे॥
इतिहास की क्या हस्ती है पूरा भूगोल तक बदल देंगे।
रावलपिंडी से कराची तक सब कुछ गारत हो जायेगा॥
सिंधु नदी के आर पार पूरा भारत हो जायेगा।
धारा हर मोड़ बदल कर लाहौर से गुजरेगी गंगा॥
इस्लामाबाद की धरती पर लहराएगा भारत का झंडा।
फिर सदियों सदियों तक जिन्ना जैसा शैतान नहीं होगा॥
कश्मीर में हिन्दू तो होगा। लेकिन मुसलमान नहीं होगा॥
तुम याद करो अब्दुल हमीद ने पैटर्न टैंक जला डाला।
हिन्दुस्तानी नेटो ने अमरीकी जेट जला डाला॥
तुम याद करो नब्बे हजार उन बंदी पाक जवानों को।
तुम याद करो शिमला समझौता इंदिरा के एहसानों को॥
पाकिस्तान ये कान खोलकर सुन ले।
अबकी जंग छिड़ी तो यह सुन ले, नाम निशान नहीं होगा
कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा॥
लाल कर दिया लहू से तुमने श्रीनगर की घाटी को।
तुम किस गफलत में छेड़ रहे सोई हल्दी घाटी को॥
जहर पिलाकर मजहब का, इन कश्मीरी परवानों को।
भय और लालच दिखलाकर तुम भेज रहे नादानों को॥
खुले प्रशिक्षण, खुले शस्त्र है खुली हुई शैतानी है।
सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है॥
बहुत हो चुकी मक्कारी, बस बहुत हो चुका हस्तक्षेप।
समझा ले अपने इस नेता को वरना भभक पड़ेगा पूरा देश॥
क्या होगा अंजाम तुम्हे अब इसका अनुमान नहीं होगा।

नाम निशान नहीं होगा, कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा॥