बन्धुओं, भगनिओ, भारतीय नव वर्ष के स्वागत के लिए तैयार हो जाईये।
१. घर के आंगन को गेरुए रंग से या अन्य रंगोँ से पोत कर साफ करिये, आंगन में तुलसी का पौधा नहीं है तो अभी लगायें।
२. घर की छत या सबसे उपर के हिस्से पर एक मजबूत बाँस गडवा दीजिए, नये वर्ष पर केसरीया ध्वज जो लगाना है।
३. घर के बाहर लगाने के लिए ओउम् व स्वास्तिक के अच्छे स्टिकर इत्यादि ले आईये या पक्के रंगोँ से स्वयं बना लीजिए।
४. घर के आसपास नीम का पेड ढूंढ कर रखिए। नव वर्ष तक उसमें नई कोंपलें आ जायेंगी। नव वर्ष के दिन सुबह सुबह वे कोपलें मिश्री के साथ स्वयं भी खानी है और ओरोँ को भी बांटनी है। कुछ तुलसी के पत्ते भी।
५ . अच्छे शुभकामना संदेश ढूंढ कर रखिये, मित्रों को जो भेजने है।
६. ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो चुका है इसलिए घर के बाहर थोडी सी जगह पर पानी रखवा दीजिए जिससे प्यासोँ को पीने का पानी मिल सके।
७. सम्राट विक्रमादित्य, डॉ हेडगेवार आदि महापुरुषों के अच्छे चित्र ढूंढना प्रारंभ कर दीजीये। घर को महापुरुषोँ के अच्छे छायाचित्रोँ से सजाना है और दूसरोँ को देना भी है।
८. अगर सम्भव हो तो, नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके गाँव, मोहल्ले, प्रतिष्ठान में सांस्कृतिक कार्यक्रम कवि सम्मेलन, नव वर्ष की वैज्ञानिकता पर भाषण का आयोजन करेँ।
९ . नववर्ष के दिन घरों में, प्रतिष्ठानों में रोशनी करना नहीं भूलें।
१० .उस दिन सुबह "धर्म जागृति" पर प्रभात फेरी भी निकाली जा सकती है।
११ . नव वर्ष पर मंदिर जाना न भूलेँ।
१२. सम्भव हो तो गरीबोँ को भोजन कराएँ।
१३. वृक्षारोपड जरुर करेँ और दूसरोँ से करवाएँ। नीम, तुलसी, पीपल, वरगद, सिरसो, बहेडा आदि के पेड अवश्य लगाएँ।
१४. अच्छी पुस्तकेँ जैसे श्रीमदभगवदगीता, हनुमानचलीसा, रामचरितमानस, आदिका पाठ सुबह शाम करना शुरु कर देँ और अगर सम्भव हो तो इन पुस्तकोँ का दान करेँ या मित्रोँ को या किसी को उपहार स्वरुप भेँट करेँ।   

भारतीय होने पर गर्व करो।