हिन्दू बिना आधुनिक विज्ञान का सहारा लिए यह बता सकते हैं कब ओर कैसे पूर्णिमा, अमावस्या, सूर्यग्रहण आदि घटनाये घटित होंगी। 31-8-2012 को पूर्णिमा है आयो देखें सिर्फ हिन्दू खगोलीय विज्ञान के सहारे हम यह कैसे जान पाते हैं सनातन धर्म के सूक्षम खगोलीय विज्ञान का सक्षिप्त परिचय हिन्दू शास्त्रों के अनुसार ब्रहमांड 360 डिग्री गोल है और आधुनिक विज्ञानं भी यही मानता है http://www.astrolog.swifthost.net/astrology_book_script/astrology_degrees.html इन 360 डिग्री के ब्रहमांड को ऋषिओं ने 12 रशिओं में बांटा है जो कि क्रमश : इस प्रकार हैं मेष, वृष,मिथुन,कर्क, सिंह, कन्या, तुला वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन और प्रत्येक राशी ३० डिग्री की होती है इस प्रकार १२ *३० =३६० आगे इन रशिओं को २७ नक्षत्रों में बांटा गया है और एक नक्षत्र का माण १३.३३ डिग्री है इस प्रकार १३.३३ * २७ = ३६० डिग्री। इसके अलावा ७ मुख्या ग्रह हैं जिनमे से सूर्य और चन्द्र को हम अपनी आँखों से आसानी से देख सकते हैं। अब देखतें हैं यह विज्ञान कितनी सटीकता से काम करता है। सभी ग्रह इश्वर द्वारा पूर्व निर्धारित गति द्वारा इन रशिओं और नक्षत्रों में विचरण करते हैं। इसका ज्ञान दुनिया में सबसे पहले हिन्दुओं को ही हुआ था। आज 24-8-2012 शाम के 07:30 बजे को सूर्य सिंह राशी में 7 डिग्री और 24 मिनट पर स्थित है और चंद्रमा वर्श्चिक राशी में 7 डिग्री और 49 मिनट पर स्थित है इस प्रकार इनमे तीन रशिओं की अर्थात 90 डिग्री की दूरी है ओर यह एक वज्ञानिक तथ्य है कि जब चंद्रमा सूर्य से 90 डिग्री दूर होता है तो सूर्य कि आधि रोशनी ग्रहण करता है। जिस वजह से आज चाँद आधा दिखाई देगा। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सूर्य प्रतिदिन एक राशी में 1 डिग्री ही आगे बढता है और ३० दिनों में राशी को पार कर जाता है इसलिए इस के ठीक एक हफ्ते अर्थात 31-8-2012 को अपनी गति के अनुसार सूर्य 7 डिग्री आगे चला जायेगा ओर सिंह राशी में 14 डिग्री 33 मिनट पर पहुच जायेगा। चंद्रमा कि गति प्रतिदिन एक राशी में 13 डिग्री है ओर एक हफ्ते बाद लगभग 90 डिग्री अर्थात तीन राशी आगे जाकर कुम्भ राशी में 14 डिग्री 33 मिनट पर पहुँच जायेगा ओर सूर्य ओर चद्रमा कि दूरी 180 डिग्री हो जाएगी जिस वजह से चंद्रमा सूर्य कि पूरी रौशनी ग्रहण करेगा ओर पूरा गोल चमकता हुआ दिखाई देगा। इस प्रकार हिन्दू बिना आधुनिक विज्ञान कि मदद के भी हजारों साल के बाद की किसी भी ऐसी खगोलीय घटना को जान सकते हैं।