एक कसाई की वधशाला से छूट कर एक गाय भाग गयी। कसाई पकड़ने के लिये पीछे-पीछे दौड़ा। गाय एक संत आश्रम के पीछे जाकर घास चरने लगी और कसाई की आँखों से ओझल हो गयी। कसाई ने संत से पूछा - इधर से गाय निकली क्या, आपने देखा ? संत सोचने लगे कि सच कहूँ तो गाय का प्राण जायेगा। बार-बार कसाई के पूछने पर उन संत ने कहा- जिसने देखा है वह बोलता नही, जो बोलता है उसने देखा नही। कसाई अर्थ न समझ सका और चला गया! पर पत्नी ने जब इस रहस्य वचन का अर्थ पूछा तो संत बोले - नेत्रों ने गाय देखी पर वह बोलती नही। जीभ बोलती है पर देखती नही...!! इस प्रकार सत्य वचन भी हो गया और गाय रक्षा भी हो गयी.... ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ