साजिशकर्ता गिरोह के एक शातिर आरोपी को
धर-दबोचा जम्मू पुलिस ने।
संत श्री आशारामजी बापू पर झूठा आरोप लगवाने के
लिए लड़कियों को तैयार करनेवाले और जम्मू के संत श्री आशारामजी आश्रम में बच्चों
के कंकाल रखवाने की साजिश रचनेवाले गिरोह के शातिर षड्यंत्रकारी, तथाकथित
पत्रकार सतीश वाधवानी को जम्मू पुलिस ने इंदौर से १९ फरवरी को गिरफ्तार किया और
इसके बाद उसकी १५ दिन की पुलिस रिमांड हुई ।
सभी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं :
एस.आई. सुरेश शर्मा
जम्मू पुलिस टीम के प्रभारी एस.आई. सुरेश शर्मा
ने पत्रकारों को बताया कि ‘सतीश वाधवानी व अन्य कुछ लोगों पर
आशारामजी बापू के आश्रम में बच्चों के कंकाल गाड़कर आश्रम को बदनाम करने का
षड्यंत्र रचने और धार्मिक भावनाएँ भड़काने जैसी विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है ।
इस केस में पूर्व में पकड़े गये सभी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं ।’
सतीश वाधवानी व अन्य आरोपियों पर बापूजी के
खिलाफ आरोप लगाने हेतु लड़कियाँ तैयार करके यौन-शोषण के झूठे मामले बनाने, उनके
आश्रम में मुस्लिम कब्रिस्तान से निकाले हुए बच्चों के कंकाल गाड़ के फिर मीडिया
में दिखाकर बापूजी के ऊपर हत्या के झूठे केस लगवाने की साजिश तथा हिन्दू-मुस्लिम
दंगा करवा के आश्रम को सदा के लिए बंद करवाने की साजिश रचने आदि के लिए आरपीसी
(रणबीर पीनल कोड) की २९५, २९५ए, २११, १९५,
१९५ए,
१५३ए,
१२०बी,
३८३,
१९४
इन संगीन आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है ।
साजिशों की गुत्थी सुलझने लगी है
सतीश वाधवानी की गिरफ्तारी एवं उसके मोबाइल से
निकल रहे राजों से पूज्य बापूजी के खिलाफ वर्षों से हो रही साजिशों की गुत्थी
सुलझने लगी है । बताया जा रहा है कि सतीश और उसके सहयोगी प्रकाश राजदेव को पहले से
पता था कि अहमदाबाद-सूरत में दुष्कर्म का केस दर्ज होगा ।
२० अगस्त को जोधपुर केस दर्ज होने के कुछ ही
दिन बाद सतीश के कहने पर प्रकाश राजदेव ने इंदौर आश्रम के प्रबंधक को फोन लगाया और
कहा कि ‘जल्द ही सूरत में भी दोनों (बापूजी व नारायण साँर्इंजी) के खिलाफ
फर्जी केस दर्ज होगा । कहो तो अभी से मामला सेटल करें ।’ बात न बनती देख
६ अक्टूबर २०१३ को सूरत में यौन-उत्पीड़न के प्रकरण दर्ज करवाये गये । हालाँकि
दिसम्बर २०१४ में बापूजी पर आरोप लगानेवाली महिला ने न्यायालय में आवेदन देकर
बताया कि ‘मैंने दबाव में आकर आरोप लगाया था, मैं अपना बयान
बदलकर सत्य उजागर करना चाहती हूँ ।’
अश्लील फोटो और क्लिपिंग्ज किसके ?
सतीश के मोबाइल से मिली ढेरों अश्लील
फोटो-क्लिपिंग्ज ऐसी हैं जिन्हें मॉर्फिंग के जरिये तैयार किया गया है । मतलब शरीर
किसीका और चेहरा किसी और का । जम्मू पुलिस उनकी जाँच कर रही है । हो सकता है कि
वाधवानी के पास ऐसी महिलाओं का समूह हो जो रुपयों के लिए किसी पर भी दुष्कर्म का
आरोप मढ़ सकती हैं । बाकी झूठे साक्ष्य बनाने का काम तो पत्रकारिता की आड़ में
सतीश कर लेता था ।
ऐसे दिया गया षड्यंत्र को अंजाम
२०१५ में ही पुलिस के हाथ लगे पंकज दुबे की
जाँच के दौरान उसके मोबाइल रिकॉर्ड में ऐसे कई सबूत मिले जिनसे पता चला कि उसने
सतीश वाधवानी, विनोद गुप्ता उर्फ भोलानंद व अन्य लोगों के साथ
मिलकर संत श्री आशारामजी बापू व नारायण साँर्इंजी को फँसाने का षड्यंत्र रचा था ।
इनकी कॉल रिकॉर्डिंग भी पुलिस के पास बतौर प्रमाण उपलब्ध है । पंकज के पास से मोबाइल
और लैपटॉप के साथ बरामद हुर्इं लगभग ६५ लड़कियों की अश्लील विडियो क्लिप्स भी
पुलिस के लिए पुख्ता प्रमाण हैं । पंकज ने पुलिस को यह भी बताया कि बापूजी को
बरबाद करने के मकसद से उनके (षड्यंत्रकारियों के) अकाउंट में एक राष्ट्रद्रोही
संगठन के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हुआ था ।
सतीश वाधवानी के साथ राजू चांडक, महेन्द्र
चावला, अमृत प्रजापति, देवेन्द्र प्रजापति व अन्य लोग भी
षड्यंत्र में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं
। जोधपुर और अहमदाबाद में झूठे मामले दर्ज कराने के बाद जम्मू आश्रम में कंकाल
गाड़ने का षड्यंत्र रचकर यह सिद्ध करने की नाकाम कोशिश की गयी कि यहाँ
तंत्र-साधनाएँ होती हैं । षड्यंत्रकारी यह दिखाकर बापूजी पर हत्या का आरोप लगवाना
चाहते थे । जम्मू में इस कार्य को भोलानंद कुछ स्थानीय लोगों की मदद से अंजाम
देनेवाला था लेकिन पहले ही उनका भांडाफोड़ हो गया । भोलानंद ने पुलिस पूछताछ के
दौरान बताया कि उसे पंकज और सतीश वाधवानी ने बापूजी को किसी भी तरह बदनाम करने और
फँसाने के लिए मोटी रकम दी थी ।
एक के बाद एक लड़कियाँ तैयार करके बापूजी व
नारायण साँर्इं पर दुष्कर्म के झूठे आरोप लगवा के हमेशा के लिए उन्हें जेल में
रखने की गहरी साजिश षड्यंत्रकारियों ने रची थी । इसकी तैयारी पिछले कई वर्षों से
चल रही थी । धीरे-धीरे इन सभी साजिशों का खुलासा हो रहा है ।
(संदर्भ : दैनिक दबंग दुनिया, हिन्दुस्तान
टाइम्स आदि)
0 टिप्पणियाँ