हिन्दू समाज को नष्ट करने के लिए एक के बाद एक भयावह षड्यंत्र हो रेहे हैं।
जब
से भाजपा की केंद्र में सरकार बनी है तब से,एक
साज़िश की जा रही है :—
हिन्दुओं
में बटवारा
कांग्रेस
की हार के कारन ढूंढे जा रहे थे। उनमें
सबसे बड़ा कारन था हिन्दुओं में एकता।
जिसने
मोदी जी और भाजपा को जीत दिलाई …
कांग्रेस
की कैबिनेट में भी चर्चा हुयी थी कि हिन्दू वोट बैंक कांग्रेस से दूर जा रहा है।
उसी
दिन नक्की हुवा कि हिन्दुओ में बटवारा करो…
मोदीजी
ने शपथ भी नहीं ली थी और पहली साज़िश साई का विरोध …
दूसरी
साज़िश गुजरात में पाटिदारो को आरक्षण की मांग और इसी तरह भारत के अन्य राज्यों में
आरक्षण का मुद्दा उठा कर दलितों और सुवर्णो को अलग करना। ताकि हिन्दू वोट बिखर जाये…….
तीसरी
साज़िश दलित विद्यार्थी रोहित बेमुल्ला की आत्महत्या को बड़ा चढ़ाकर बताना ……..
चौथी
साजिश
शनि सिंगणापुर में महिलाओं को पूजा करने देने की अनुमति न होना ….. अब तृप्ति देशाई (स्त्री
पिशाच) महिला सशक्तिकरण के नाम पर भारत के सभी प्रमुख मंदिरों में घुस कर नंगा नाच
कर रही है।
हिन्दू
देवी-देवताओ के अपमान पर चुप्पी रखना …
जबकि
कमलेश तिवारी के विरोध में उतरे मुसलमानों को मालदा और पूर्णिया में मूक सहमति
देना… …
अभी
आप सोचते रहे तो आप महा मुर्ख हैँ। हिंदुओं
की एकता को तोड़ने का बड़ा कारण रचा जा रहा है……
हिन्दुओं
की एकता टूटेगी तो हिंदुस्तान टूटेगा और जो गिद्ध अlपका खून पिने को तैयार हैं उन्हें आप खून देने की तैयारी कर लो।
क्या
700 वर्ष से साई को राम राम पूजा नहीं जा
रहा ?
क्या
400 वर्ष से महिलाओं ने कभी शनि पूजा की ? वह आज अपना दावा क्यों ठोक रही हैं ?
आज
से पहले कभी किसी दलित विद्यार्थी ने आत्महत्या नहीं की?
मुस्लिम
महिला मस्जिद में नहीं जा सकती तो क्यों कांग्रेस ने
60 सालों में एक बार भी ये मुद्दा नहीं
उठाया ?
राहुल
गांधी क्यों कभी किसी मुस्लिम द्वारा की गयी हिन्दू की हत्या पे उपवास नहीं करते ?
देवास
में नरेंद्र की हत्या मुस्लिमों ने की पुणे में दलित को मुस्लिमों ने जिन्दा जलाया
तो क्यों कांग्रेस को ये नहीं दीखता ?
कांग्रेस
के इशारे पे क्यों शैलजा ने द्वारका मंदिर का मुद्दा उठाया ? जबकि
वो पूरा झूठ था।
1947 से इतना बड़ा देश जो सहिष्णुं रहा ! वो
मात्र एक वर्ष में असहिष्णुं कैसे बन गया ?
बात
कुछ और थी !
पर
कांग्रेस के द्वारा दुनियाँ को ये दिखाया गया कि हिन्दू धर्म असहिष्णु है।
और
इस्लाम सहिष्णुं। ऐसीलिए दादरी करवाया गया।
क्यों
भगवा आतंकवाद बन गया अब और मुस्लिम शांति दूत।
ISIS के आतंक की बात करें तो आतंक का कोई
धर्म नहीं होता।
और RSS की बात करें तो हिन्दू आतंकवाद ? आतंकवाद क्यों कहा जाता है ?
क्यों
राहुल गांधी को मंदिर ही दीखते हैं ? मंदिर
में जाने से मुझे रोका गया ऐसा कह कर हिन्दू धर्म को ही क्यों बदनाम किया गया
कॉंग्रेस के द्वारा ?
क्यों
? कभी मस्जीद, चर्च को मुद्दा नहीं बनाया जाता ?
साफ़
दर्पण जैसी बात है कि कांग्रेस के शासन में ही कश्मीर से हिन्दू पंडितों को निकाला
गया।
क्यों
कांग्रेस ने ये बात देश को बताई नहीं ? क्या
कांग्रेस रोक नहीं सकती थी चाहती तो ?
पूरा
भारत देश जानता है कि कांग्रेस ने बांग्लादेश में से मुसलमानों को गैरकानूनी भारत
में प्रवेश करने दिया।
ताकि
उनको वोटर आईडी दे कर भारत के नागरिक बना दिया जाये और अपनी वोट बैंक मजबूत की जाए। क्या इस से बड़ा कोई अपराध हो सकता है?
शंकराचार्य भी निर्दोष छूट चुकें हैं।
मालेगाँव में बम बिस्फोट करा के साधवी प्रज्ञा और पुरोहित को झूठे आरोप में
पकड़ के भगवा आतंक का घिनौना षड्यंत्र रचा गया। जिसमें आज तक कोई प्रमाण नहीं मिला
।
और
अंत में एक बात :—-
भाजपा
के वोट बैंक को तोड़ने ही आम आदमी पार्टी का जनम कराया गया है।
अगर
केजरीवाल की लड़ाई भष्टाचार से होती तो वो अपनी पहली लड़ाई अमेठी से लड़ता ना कि
वाराणसी से ? क्योंकि, तब तो सरकार कांग्रेस की थी।
भाजपा
सरकार बनते ही यह सब सामने क्यों आ रहा हे?
सोचो
और हरेक हिन्दू को इस साज़िश की जानकारी दो।
जय
हिन्द जय भारत
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