दुर्गा
माता के आराधना के नौ दिनों में क्या करें,
क्या न करें?
भारतीय
शास्त्रों में नौ दिनों तक निर्वहन की जाने वाली परंपराओं का बड़ा महत्व बताया गया
है। इन नौ दिनों में कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं, जिन्हें
हमारे बड़े-बुजुर्गों ने हमें सिखाया है। उनका आज भी हम पालन कर रहे हैं। हर कोई
चाहता है कि देवी की पूजा पूरी श्रद्धा-भक्ति से हो ताकि परिवार में सुख-शांति बनी
रहे।
आइए जानते हैं,
माता के नौ दिनों में क्या करें,
क्या न करें :-
क्या करें :-
१.
जवारे
रखना ।
२.
प्रतिदिन मंदिर जाना।
३.
देवी को जल अर्पित करना।
४.
नौ दिनों तक व्रत रखना।
५.
नौ दिनों तक देवी का विशेष श्रृंगार
करना।
६.
सप्तमी-अष्टमी-नवमीं पर विशेष पूजा
करना।
७.
कन्या भोजन कराना।
८.
माता की अखंड ज्योति जलाना।
क्या
न करें :-
१.
दाढ़ी, नाखून व बाल
काटना नौ दिन बंद रखें।
२.
लहसुन-प्याज का भोजन ना बनाएं।
३.
ज्यादा से ज्यादा मौन रहे।
४.
परनिंदा, कामविकार, असत्य
भाषण और व्यसनों से बचेँ।
“शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
सर्व मंगल मागल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये
त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।”
इन
शब्दों के साथ जब देवी दुर्गा की आराधना शुरू होती है तो तन-मन में एक शुद्धि का
अहसास होता है। पावन हो जाता है घर, आंगन। शक्ति के
महापर्व नवरात्र को मनाने के लिए आतुर हो जाता है वह मन जो शक्ति-स्वरूपा मां दुर्गा
के अस्तित्व को स्वीकारता है। उनकी शक्ति को पहचानता है। पूजा, व्रत, उपवास
के साथ सादगी खुद-ब-खुद आ जाती है दिनचर्या में। अपनी मनपसंद चीज को त्याग देने का
सामर्थ्य न जाने कहां से आ जाता है। मन के शुद्ध भाव और आस्था की भावना का संगम
एक अजीब सा सुकून दे जाता है। कोई विधि-विधान से पूजा कर इस विशेष पर्व को मनाता
है तो कोई पाखंड से दूर रहकर चिंतन और मनन को प्राथमिकता देता है। यहाँ तक कि भारत से दूर रहने वाले भी अपनी जड़ों से
जुड़े रहने और अपनी संस्कृति को जीवित रखने की चाह में नवरात्र के नौ दिनों में
नवदुर्गा के हर रूप को श्रद्धा के साथ पूजते हैं। सभी के लिए किसी न किसी रूप में
महान और महत्वपूर्ण है यह पर्व। नवरात्र के खास दिनों में बच्चे भी ध्यान, पूजा
में भाग लेते हैं। बच्चों को हमारी संस्कृति का पता चलता है। व्रत पूजा की महत्ता
का ज्ञान होता है। देवी पूजा के लिए हम समय निकालना चाहें तो आसानी से निकाल सकते
हैं। खुद को व्यस्त कहकर बचना नहीं चाहिए। विदेश में रहने वाले भारतीय अपनी मिट्टी
से जुड़े रहने की चाह में नवरात्र को विधि-विधान से मनाते हैं। नवरात्र एक शुभ अवसर
है। नौ दिन के व्रत तन मन का विकार निकालने के लिए रामबाण होते हैं और फिर मौसम
में आया बदलाव सोच में भी सकारात्मकता भर देता है।
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