अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में उठी निर्दोष बापूजी की रिहाई की माँग

            गोवा में 14 से 17 जून तक छठा अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशनसम्पन्न हुआ । इसमें भारत के 21 राज्यों तथा नेपाल व श्रीलंका की 150 से अधिक हिन्दुत्ववादी संस्थाओं एवं संगठनों के 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया । संत श्री आशारामजी आश्रम की ओर से साध्वी रेखा बहन अधिवेशन में सहभागी हुईं ।

            इसमें सनातन संस्कृति की रक्षा करना, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना, संतों के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों के प्रति समाज में जागरूकता लाना, पूज्य बापूजी की रिहाई की माँग बुलंद करना, सभी हिन्दू संगठनों द्वारा एकजुट होकर कार्य करना आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया गया ।
प्रस्तुत हैं कुछ वक्तव्य :
            भागवत कथाकार संत हरिराम शास्त्रीजी, अंतर्राष्ट्रीय रामसनेही सम्प्रदाय, जोधपुर : धर्म की गंगा बहाने, धर्म-परिवर्तन को रोकने तथा भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाने में संत आशारामजी बापू की अहम भूमिका रही है । जब-जब हमारे देश में संतों पर आक्रमण हुए, षड्यंत्रकारियों ने साजिशें रचीं, तब-तब बापूजी अपने साधकों के साथ निर्दोष संतों को बचाने हेतु समाज में आगे आये हैं । अब हम सबका यह कर्तव्य है कि बापूजी व अन्य संतों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए हमें विरोध-प्रदर्शन करना चाहिए ।
            बाबा फलाहारी महाराज (वैष्णव परम्परा), अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, लश्कर-ए-हिन्द : धर्म-जागृति एवं हिन्दुओं के धर्मांतरण पर रोक का काम बापूजी बखूबी कर रहे थे । बापूजी को जेल भेजा जाना मिशनरियों का ही षड्यंत्र है । मुझे तो पूर्ण विश्वास है कि आशारामजी बापू जैसे श्रेष्ठ व्यक्तित्व, जिन्होंने लाखों नहीं करोड़ों व्यक्तियों को सात्त्विक मार्ग, सन्मार्ग की ओर अग्रसर किया, ऐसा कुकृत्य कर ही नहीं सकते ! मैं आशा करता हूँ कि न्यायपालिका जल्द ही न्याय करेगी ।
            श्री हरिशंकर जैन, अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय व अध्यक्ष, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस, लखनऊ : माननीय संत आशाराम बापूजी का चरित्र बेदाग है । सर्वविदित है कि बापूजी के जो भी आश्रम हैं, जहाँ भी हैं, वहाँ आध्यात्मिक कार्य ही होते हैं, वहाँ कभी कोई गलत कार्य नहीं होता है । बापूजी का यह कारावास हिन्दू राष्ट्र-स्थापना में मील का पत्थर साबित होगा ।
            हिन्दू समाज का कर्तव्य है कि ऐसे संतों पर हो रहे षड्यंत्रों का पर्दाफाश करे, उनको न्याय दिलाये ।
            स्वामी सुकृपानंदजी महाराज, छत्तीसगढ़ : बापूजी को 4 सालों से जेल में रखा गया है । उन पर पूर्णरूप से गलत आरोप लगाया गया है । एक संत को इतना बदनाम कर जेल में बंद करके उनको मानसिक क्लेश देने की जो साजिश है, मैं इसकी घोर निंदा करता हूँ ।
            टी. राजा सिंह लोध, विधायक, गोशमहल (हैदराबाद) : मैं तो संत आशारामजी के चरणों में प्रणाम करता हूँ क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण को रोकने व धर्म-रक्षा के लिए अनेक कार्य किये हैं । बापूजी के केस में कोई दम नहीं है, उसे सिर्फ लम्बा खींचकर उनका मनोबल तोड़ने का षड्यंत्र किया जा रहा है ।
श्री जी. राधाकृष्णन्, प्रदेश अध्यक्ष, शिव सेना, तमिलनाडु : बापूजी को झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है । स्वामीजी (बापूजी) इतने सेवा-प्रकल्प, इतनी गौशालाएँ चलाते हैं, उनसे लाखों-लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं । स्वामीजी पर हमें अथाह श्रद्धा है । पूरा हिन्दू समाज उनके लिए लड़ने को तैयार है । सरकार को परिस्थिति समझनी चाहिए और स्वामीजी को तत्काल रिहा करना चाहिए ।
साध्वी रेखा बहन : भगवान श्रीकृष्ण उद्धवजी से कहते हैं :
उधो ! मोहे संत सदा अति प्यारे ।
जा की महिमा वेद उचारे ।।

पूज्य बापूजी सनातन धर्म के संत हैं, राष्ट्रीय संत हैं, लोकहितकारी संत हैं । उनकी रिहाई के लिए सभी हिन्दू संगठनों को एकत्र हो जाना चाहिए ।