बिस्तर पर बैठकर खाना क्यों नहीं खाना
चाहिए?
आजकल तेजी से
बढ़ती महानगरीय संस्कृति के कारण हमारी रोजमर्रा के जिंदगी में बहुत तेजी से कई
परिवर्तन हुए हैं। कुछ आदते ऐसी है जो अब हमारी लाइफ का एक हिस्सा बनती जा रही हैं
जैसे सुबह देर से उठना रात को देर से सोना, बेड पर चाय और खाना लेना आदि। ये आदते ऐसी हैं जो हमारे शरीर
को प्रभावित करती हैं। आपने अक्सर बड़े-बुजूर्गों को कहते हुए सुना होगा कि बिस्तर
पर खाना नहीं खाना चाहिए।
आजकल अधिकतर लोग
ऐसी बातों को अंधविश्वास मानकर उन पर भरोसा नहीं करते हैं लेकिन यह कोई अंधविश्वास
नहीं है बल्कि इसके पीछे स्वास्थ्य से जुड़ा कारण भी है। हमारी भारतीय संस्कृति
में बिस्तर पर खाना-पीना निषेध है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि
बिस्तर पर बैठकर खाने -पीने से घर में अलक्ष्मी का निवास होता है यानी घर में
दरिद्रता आती है।
साथ ही बिस्तर पर
खाने -पीने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि जब हमें कोई बीमारी होती
है या हम अस्वस्थ्य होते है तब भी उसी बिस्तर पर आराम करते हैं साथ ही धुल व अन्य
कई तरह की गंदगी रहती है। जिसके कारण बिस्तर में कई तरह के छोटे छोटे सुक्ष्मजीव
रहते हैं। और जब हम बिस्तर पर बैठकर भोजन करते हैं तो ये सुक्ष्मजीव हमारे शरीर
में भोजन के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं।जिसके कारण बिस्तर पर खाना खाने पर हमे
एसिडिटी और पेट की कई बीमारियां पैदा होती हैं।
0 टिप्पणियाँ