अनंत
पद्मनाभ मंदिर के B कक्ष में पाताल लोक तक जाने का द्वार है? केवल
गरुड़ मंत्र के पठन से खुलने वाले कक्ष का रहस्य आखिर क्या है?
विश्व
का सबसे अमीर मंदिर, भगवान विष्णु को समर्पित केरल का अनंत
पद्मनाभ मंदिर के B कक्ष का रहस्य आखिर क्या है? इस
कक्ष के दरवाजे के पीछे क्या है? क्या इस कक्ष के अंदर अनगिनत स्वर्ण
आभूषण है? क्या इस कक्ष के अंदर कॊई विमान या
यूएफ़ऒ है? क्या इस कक्ष के अंदर पाताल लोक में
जाने का द्वार है? क्या इस कक्ष के अंदर वर्म हॊल है
जिसके अंदर से हम समानांतर आकाशगंगा में प्रयाण कर सकते हैं?
कहा
जाता है कि इस मंदिर को कलियुग के प्रारंभ में बनवाया गया था। यानी यह मंदिर कम से
कम पाँच हज़ार वर्ष पुराना है। लेकिन इस मंदिर में विष्णु की मूर्ती को कब किसने
बनवाया इस की जानकारी किसी को नहीं है। किंवदंतियों के अनुसार द्वापरयुग के अंदत
में यादवों का अपने ही परिजनों के साथ घॊर युद्ध होता है। वे आपस में ही युद्ध कर
हताहत होते हैं। उस समय भगवान बलराम ने भी युद्ध किया था। कृष्ण भगवान के देह
त्याग ने के बाद भगवान बलराम ने भी समाधी लेकर अपना देह त्याग दिया। उनके शरीर से
सफेद रंग का साँप(आत्मा) बाहर निकलता है और गुजरात के सॊमनाथ मंदिर के पास स्थित
गुफा के अंदर चला जाता है। वहां से वे केरल के अनंत पद्मनाभ मंदिर के पुष्करिणी
में स्नान करते हैं और फिर मंदिर के B कक्ष
के अंदर से पाताल लोक चले जाते हैं।
भगवान
वासु की ही बलराम अवतार में धरती पर जन्म लेते हैं। पुराणॊं में मान्याता है कि
नाग और सर्प के वंशज पाताल लोक में निवास करते थे। हो सकता है कि पृथ्वी के अंदर
एक समानांतर जगत बसती हो जहां आज भी एक सभ्यता निवास करती हो। हो सकता है कि अनंत
पद्मनाभ मंदिर के बंद कक्ष के अंदर समानांतर आकाशगंगा में जाने का कॊई गुप्त मार्ग
हो। मंदिर की रखवाली करने वाले शाही परिवार के अनुसार इस कक्ष का द्वार खॊलने से
अनर्थ हो जायेगा और संपूर्ण पृथ्वी नष्ट हो जायेगी। उनके अनुसार इस द्वार को केवल
“गरुड मंत्र” द्वारा ही खॊला जा सकता है। साधू जन की सहायता से गरुड़ मंत्र का पठन
करवा कर इस कक्ष का द्वारा खोला जा सकता है।
इस
द्वार को नाग पाश या नाग बंधन से बंद किया गया है। वो इसलिए कि पाताल लोक में
निवास कर रहे जीवों से मनुष्य का संपर्क ना हो पाये। केवल गरुड़ मंत्र के पठण से
अंदर के वस्तुओं/जीवियों को बेअसर किया जा सकता है, जिसके
कारण यह द्वार खुलता है। अगर इस द्वार के अंदर अन्य ग्रह में जाने वाला वर्म होल
है तो इस द्वार को खॊलने से प्रबल गुरुत्वीय खिंचाव उत्पन्न हॊ सकता है और संपूर्ण
पृथ्वी पर उथल पुथल मच सकता है।
इस
द्वार को केवल एक सामान्य आवृत्ति के मंत्रॊच्चारण के प्रयॊग से खॊला जा सकता है
जो ब्रह्मांड के अन्य आकाशगंगा के आवृत्ती से मेल खाता हो। जब ब्रह्माम्ड के सभी
समानांतर जगत की आवृत्तियां एक जैसी हो जायेगी तब इस कक्ष का द्वारा खुलेगा। लेकिन
समूचे विश्व में ऐसा कॊई साधू नहीं होगा जिसे गरुड़ मंत्र द्वारा इस कक्ष के द्वार
को खोलने का रहस्य पता होगा। जब तक हमें ऐसे व्यक्ती नहीं मिलते जो मंत्र का
प्रयॊग कर द्वार खोलने का रहस्य जानते हो, तब
तक अनंत पद्मनाभ मंदिर का रहस्य अनंत काल तक रहस्य ही बनकर रह जायेगा।
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