होटलों के स्विमिंग पूल में पानी की बर्बादी हो तो मीडिया को कुछ नहीं । जानवरों के कत्लखानों में पानी कई बर्बादी हो तो कुछ नहीं । हानिकारक विदेशी कंपनियों के सॉफ्ट ड्रिंक्स में पानी बर्बाद हो तो कुछ नहीं । मादक पदार्थों को बनाने में पानी की बर्बादी हो तो कुछ नहीं जिससे की लोगो ना नुकसान ही होता है तो कुछ नहीं जब बापू जी ने लोगो को वास्तविक होली का महत्व बता कर हिन्दू धर्म के रक्षार्थ प्राकृतिक रंगों से होली खेलने का आह्वान किया तो सभी को परेशानी है । जबकि इस तरह से के सामूहिक होली खेलने से कितना पानी की बचत होगी ये किसी को नहीं दिखाई दे रहा है । लोगों का स्वास्थ्य कितना अच्छा होगा इन प्राकृतिक रंगों से होली खेलने से वो किसी को नहीं दिखाई दे रहा है।