ग्वारीघाट का इतिहासमहत्व एवं कहानी

                ग्वारीघाट एक ऐसी खूबसूरत जगह है जहां पर आपको नर्मदा नदी के अनेक घाट एवं भाक्तिमय वातवरण देखने मिल जाएगा। ग्वारीघाट एक बहुत अच्छी जगह है गौरी घाट में घाटों की एक श्रंखला है। ग्वारीघाट में आके आपको बहुत शांती एवं सुकून मिलता है। आप यहां पर नर्मदा मैया के दर्शन कर सकते है, उन्हें प्रसाद चढा सकते है। ग्वारीघाट में सूर्यास्त का नजारा भी बहुत मस्त होता है।

 

ग्वारीघाट जबलपुर जिले में स्थित है। जबलपुर जिला मध्य प्रदेश में स्थित है जबलपुर जिले को संस्कारधानी के नाम से भी जाना जाता है। जबलपुर से नर्मदा नदी बहती है। ग्वारीघाट नर्मदा नदी पर स्थित है। ग्वारीघाट एक अद्भुत जगह है, जिसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। ग्वारीघाट पहुंचने के लिए आप मेट्रो बस और ऑटो का प्रयोग कर सकते हैं। आपको ग्वारीघाट पहुंचने के लिए जबलपुर जिले के किसी भी हिस्से से बस या ऑटो की सर्विस मिल जाती है। ग्वारीघाट पर आप अपने वाहन से भी आ सकते हैं।

 

आपको मेट्रो बस या आटो से आते है, तो आटो वाला आपको ग्वारीघाट के चैक पर छोड सकता है जहां से आपको पैदल आना पड सकता है। यह पैदल रास्ता भी बहुत अच्छा रहता है आपको यहां पर बहुत सारी दुकानें मिल जाएगी जहां से आप शॉपिंग कर सकते हैं। अगर आपको मेट्रो बस वाला या ऑटो वाला ग्वारीघाट के घाट के पास उतारता है तो आप प्रसाद ले सकते हैं, सिंदूर वगैरह खरीद सकते हैं। आपको घाट के पास ही में बहुत सारी दुकान मिल जाती है।

 

ग्वारीघाट में बहुत सारे घाट हैं। हर घाटों के अलग-अलग नाम है और अलग अलग पहचान है। ग्वारीघाट के सारे घाट अच्छी तरह से बने हुए है। ग्वारीघाट के सारे घाट में आपके बैठने की उत्तम व्यवस्था है। ग्वारीघाट के सभी घाटों में अब साफ सफाई का बहुत ज्यादा ध्यान दिया दिया जाता है, मगर लोग यहां पर फिर भी गंदगी करते हैं। यहां पर कूड़ेदान की भी व्यवस्था है और घाटों पर साफ सफाई करने वाले लोग लगे रहते हैं।

 

सिद्ध घाट

ग्वारीघाट में सबसे पहला घाट सिद्ध घाट है। आपको सिद्ध घाट पर शंकर जी का मंदिर देखने मिलेगा और वहां पर गोमुख देखने मिलेगा। इस गोमुख से लगातार साल के 12 महीने और 24 घंटे पानी बहता रहता है। यह घाट बहुत खूबसूरत है और बहुत अच्छे से बना हुआ है। यहां पर गोमुख के पास शंकर जी का मंदिर भी है, जिसमें शंकर जी का शिवलिंग विराजमान है। गोमुख के पास ही शंकर जी की मूर्ति भी विराजमान है जो बहुत खूबसूरत है गोमुख के पास ही अन्य मूर्तियां विराजमान है जैसे काली जी की दुर्गा जी की गणेश जी की और भी मूर्तियां विराजमान है।

 

उमा घाट

ग्वारीघाट पर दूसरा घाट है उमा घाट, आप सिध्द घाट से आगे आते है तो आपको यह घाट देखने मिलेगा। उमा घाट बहुत अच्छा घाट है। उमा घाट में माता नर्मदा जी की आरती शाम को 7 बजे की जाती है। इस घाट में शिव भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप भी स्थापित है, जिनके दर्शन आप कर सकते हैं। उमा घाट पर गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप बैठ सकते हैं। गर्मी के टाइम यहां पर बहुत अच्छा लगता है और बहुत शांति मिलती है।

 

उमाघाट आप आगे बढ़ेंगे तो आपको यहां पर नर्मदा जी का मंदिर देखने मिल जाएगा । इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि मंदिर में तैर कर नहीं जाया जा सकता है क्योंकि उससे कुछ ना कुछ अशुभ घटना हो सकती है। नर्मदा मंदिर पर आप नाव से जा सकते हैं और माता नर्मदा जी के दर्शन कर सकते हैं। नर्मदा मंदिर के सामने आपको बहुत सारे पंडित जी देखने मिल जाएंगे जो पूजा कराते हैं, यहां पर पंडित जी एक पलंग के उपर बैठ रहते है। सभी पंडितों की अलग अलग पलंग होता है। ये पंडित जी आपकी पूजा और कथा करा देते है। आपका यहां पर मुंडन भी हो जाता है, यहां पर बहुत सी दुकानें है मुंडन की।

 

दरोगा घाट

आप उमा घाट से आगे बढते है तो आपको दरोगा घाट देखने मिलता है, दरोगा घाट के बारे में कहा जाता है कि दरोगा घाट में आप समान एक घाट से दूसरे घाट नाव के द्वारा ले जाया जाता था। जिसका किराया यहां पर वसूला जाता था। इस कारण इस घाट को दरोगा घाट कहते है। इस घाट से गाड़ियों को भी नावों के द्वारा एक घाट से दूसरे घाट तक ले जाया जाता है।

 

खारी घाट

ग्वारीघाट में खारी घाट भी है यह भी बहुत खूबसूरत और शांत घाट है इस घाट की विशेषता यह है कि इस घाट में घारी का विसर्जन किया जाता है। यहां पर ज्यादा भीड़ नहीं रहती है। यहां पर भी अच्छा वातावरण रहता है यहां पर भी आप नहा सकते हैं यहां चेंज करने के लिए भी यहां पर आपको चेंजिंग रूम मिल जाता है। इस घाट पर आप दरोगा घाट से पैदल आ सकते हैं, यह घाट दरोगा घाट के पास ही में है।

 

जलहरी घाट

जलहरी घाट भी ग्वारीघाट का एक घाट है। यह घाट ग्वारीघाट के मुख्य घाटों से थोड़ी दूरी पर है आप यहां पर पैदल जा सकते हैं। यह घाट ग्वारीघाट के अन्य घाटों से करीब 1 किमी या आधा किलोमीटर की दूरी पर होगा । इस घाट पर आपकी गाड़ी के पार्किंग का किराया लगता है। यह घाट भी काफी अच्छा है यहां पर बहुत सारे मंदिर है जिनके आप दर्शन कर सकते हैं यहां पर कांच का एक प्रसिद्ध मंदिर है जिनके आप दर्शन कर सकते हैं।

 

ग्वारीघाट के हर घाट में नहाने की व्यवस्था है और हर घाट में आपको कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम मिल जाता है, तो आप नहाकर कपड़े बदल सकते हैं।

 

ग्वारीघाट में आपको बहुत सारी दुकानें मिल जाएंगी । जहां पर आप खाना खा सकते हैं और चाय नाश्ता कर सकते हैं। ग्वारीघाट पर कक्कड़ भर्ता बहुत फेमस होता है तो आप यहां पर कक्कड़ बनाकर भी खा सकते हैं या फिर होटल से खरीद कर खा भी सकते हैं।

 

ग्वारीघाट के सामने आपको गुरुद्वारा देखने मिलेगा जहां पर आप नाव से जा सकते है। यहां पर जाने का नाव से बहुत सस्ता किराया लगता है। गुरुद्वारा बहुत खूबसूरत लगता है। यहां सफेद कलर की बिल्डिग है। आप अगर रविवार को जाते है तो आप यहां लंगर खा सकते है।

 

ग्वारीघाट में आपको बहुत सारे घाट और मंदिर देखने मिल जाएंगे। ग्वारीघाट के घाटों पर आप स्नान भी कर सकते हैं। घाटों पर साबुन और शैम्पू लगाने के लिए मनाही है, यह बहुत अच्छी बात है कि लोगों में जागरूकता फैल रही है कि वह साबुन का यूज ना करें और अपनी नर्मदा नदी को साफ रखने में महत्वपूर्ण योगदान दें। नर्मदा नदी में लोग अपने घरों के भागवन के पोस्टर और भगवान की पुरानी एवं खण्डित मूर्तियां भी छोड़ देते हैं। हम लोगों को इन वस्तुओं को भी नर्मदा नदी में नही डालना चहिए। जिससे नर्मदा नदी साफ रहे।

 

ग्वारीघाट बहुत अच्छी जगह है और हमें इसके सभी घाट को साफ सुथरा रखना चाहिए। हमारी नदियों को साफ सुथरा रखना चाहिए इसके आजू-बाजू हमें गंदगी नहीं करनी चाहिए। हमें कचरा यहां पर नहीं डालना चाहिए क्योंकि नदिया ही हमारे पीने के पानी का मुख्य स्त्रोत है और हमें नदियों से ही पीने के पानी मिलता है।

 

ग्वारीघाट में आपको नाव की सवारी करने मिल जाती है। यहां पर बहुत कम रेट पर आप नाव की सवारी कर सकते हैं, मगर नाव की सवारी के लिए आप बरेगन जरूर करें।

 

ग्वारीघाट में ठंड के मौसम में विदेशी पक्षी आते हैं। इन विदेशी पक्षियों को दाना डालने पर यह आपके पास आ जाते हैं । इनको डालने वाला दाना आपको ग्वारीघाट में ही मिल जाता है, यह विदेशी पक्षी बहुत खूबसूरत लगते हैं और दाना डालने पर और आवाज लगाने पर यह एकदम से आपके पास आ जाते हैं जो बहुत ही मनोरम लगता है और इन पक्षियों की आवाज बहुत ही खूबसूरत लगती है। फरवरी के महीने में भी आपको यह विदेशी पक्षी देखने मिल जाते हैं।

 

ग्वारीघाट में बहुत सारे आश्रम है जो बहुत से फेमस संतों के है। ये आश्रम ग्वारीघाट के आस पास में स्थित है। यहां पर लोग आकर रहते हैं जिनके कोई नहीं रहता है और अपनी सेवा आश्रम को देते है। इसके अलावा ग्वारीघाट में बहुत सारे भंडारे होते रहते हैं तो आप यहां से प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।