गौशाला चलाने से पहले इन चीजोँ का मजबूत आधार पहले बना लेँ।
१. ट्रस्ट
२. गऊशाला भूमि
३. प्रारंभिक
पूँजी निवेश
४. आय स्त्रोत
५. भविष्ये
परियोजनाएं
ट्रस्ट निर्माण
➨ गौशाला
निर्माण हेतु सर्वप्रथम अपनी गौशाला और ट्रस्ट का उपयुक्त नाम रखे।
➨ १०-२०
समर्पित जन (ट्रस्टी) ऐसे खोजे जो लंबे समय तक गौ माता और भारतमाता की सेवा
कर सके।
➨ ट्रस्टी
ऐसे व्यक्ति को ही सुनिश्चित करे जो गौशाला का आर्थिक रूप (धन) से
समर्थन करने में सक्षम हो और सुचारू ढंग से चलाने की क्षमता रखता हो।
➨ ट्रस्ट
में व्यक्ति की कार्य शैली के अनुसार उन्हें पद दे जैसे - अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, प्रधान
आदि।
गौशाला भूमि
➨ गौशाला
भूमि हेतु ये निर्णय लेना बेहद आवश्यक है की हमें किस प्रकार की
भूमि चाहिए।
➨ भूमि
का लगभग ८० प्रतिशत क्षेत्र समतल- सपाट होना चाहिए।
➨ भूमि
क्षेत्र कम से कम साल में २-३ बार फसल (गौ के लिए चारा) दे सके, ताकि
हमें चारे के लिए किसी के ऊपर निर्भर न रहना पड़े।
➨ भूमि
का जल गौ माता के लिए पिने योग्ये हो।
➨ गौशाला
का भूमि क्षेत्र कम से कम २५० बिग्गा तक हो ताकि उसमे १५००-२०००
गौ माता सुखपूर्वक विचरण कर सके
➠ भूमि
शहर से कम से कम ४-१० किलोमीटर की ही दूरी पर हो और सड़क मार्ग और हाईवे
के २०० मीटर अंदर हो।
प्रारंभिक पूँजी निवेश
➨ गौशाला
भूमि पर घेरा बनवाए (बाउंड्री) ।
➨ चारे
हेतु गोदाम बनवाए, धुप और वर्षा इत्यादि से बचाव हेतु छाया का प्रबंध
अति आवश्यक है।
➨ लागत
हरा चारा ३ रूपए/k.g
➟ एक
गौ माँ प्रतिदिन ५ k.g चरती है तो ५०० गौ माता की एक दिन की लागत = ( ३ *
५ )* ५०० = ७५००
➟लागत
हरा चारा एक महीने अनुसार =७५०० *३० = २,२५,०००
➨ लागत
बथा (ग्रेन) १५-२० /k.g ,प्रतिदिन एक गौ को चाहिए १.५ -३ k.g, बथा
केवल दुधारू गौ के लिए जरुरी है
➨ गौ
सेवक रखे दूध निकालने और साफ़-सफाई हेतु।
➨ चिकित्सा
सुविधा
➟ एक
चिकित्सक हर ५ दिन में गौशाला आये, और गौ माता के
स्वास्थय की जांच करे। आय स्त्रोत
अ) गौ माता के द्वारा आय
➟ गौ
माँ का दूध ३५-४० रुपये किलो में विक्रय करे
➟ किसानो
को गोमय (गोबर, गौमूत्र) विक्रय करे २००० रूपए/ट्रक।
➟ गोबर
के उपल (कण्डे) बेँचेँ।
➟ गोबर
से धूप बना कर बेँचेँ।
➟ गाय
के गोबर से गोबर गैस प्लांट बनाएँ।
भविष्ये परियोजनाएं
➟ वाहन, ट्रैक्टर, ट्राली
गाडी, पानी टैंकर आदि बहुत उपयोगी रहेंगे गौशाला के भविष्ये कार्ये के अंतर्गत।
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