जो हमारे पूर्वजो से लड़ते हुये मारे गए थे...मुस्लिम शासको ने उनकी "कब्र या दरगाहे" बना दी...और हम हिन्दू अनजाने में उन्हे पूजने लगे। जो भी लोग "दरगाहों" पर जाकर "माथा टेकते" है, "मन्नत" मांगते है , पाखंडी मुल्लो के पास जाते है ,वे लोग अपना "धर्म भ्रष्ट" करने के साथ साथ श्री भगवान की "कृपा" से भी वंचित हो जाते है। अतः "ख्वाजा गरीब नवाज", "अमीर खुसरो", "निज़ामुद्दीन औलिया" की दरगाह, "शिर्डी फकीर साई" आदि के स्थानो पर जाकर कभी सर न झुकाये , क्यो कि "हिन्दू धर्म" मे "मुरदो" को पूजना पाप है, और "गीता" में "भगवान श्रीकृष्ण" ने कहा है कि जो भी लोग "मुर्दों" को पूजते है वे मरने के पश्चात "भूत-प्रेत" बनकर भटकते है। साथ ही ये पीर आदि जो है , वे उन मुस्लिमो की है, जो हमारे पूर्वजो से लड़ते हुये मारे गए थे... और मुस्लिम शासको ने उनकी "कब्र या दरगाहे" बना दी थी । और हम हिन्दू अनजाने में उन्हे पूजने लगे। इस पाप को करना बंद करे । आपका "सर" केवल और केवल अपने "श्री भगवान" के चरणो मे झुकना चाहिए, केवल अपने भगवान पर विश्वास बना कर रखे, जिस दिन आप अन्य सब को छोडकर केवल अपने भगवान पर अपना विश्वास स्थिर करने लगेंगे उस दिन से उनकी कृपा का अनुभव आपको होना प्रारम्भ हो जाएगा। जय श्री राम। ૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐૐ