बाइबल में उल्लेख किया गया नॊहा का कथन और भारत के पुराणॊं में कहा गया महा प्रलय और मनु का नाव दोनों एक समान है।

इसमें कॊई शक नहीं है कि इसाइयों के बाइबल और इस्लाम के कुरान में अनेक समानताएं हैं। लेकिन इसाइयों का बाइबल का मूल भारतीय पुराण ही है इस बात को पश्चिमी दुनिया ने लोगों से छुपाये रखा है। 1872 में Assyriologist जॉर्ज स्मिथ ने एक ऐसी खोज की जिसने दुनिया के जड़ों को हिला कर रख दिया। प्राचीन मेसोपोटामियन शहर निनेवे से एक विशेष टैबलेट का अध्ययन करते समय उन्होंने खोज निकाला कि टैबलेट में एक प्राचीन मेसोपोटामियन मिथक लिखा हुआ था जो Old Testament के बुक ऑफ जेनेसिस के नॊहा के सन्दूक की कहानी से मिलता जुलता था।



दुनिया भर में इस महा प्रलय का उल्लेख है और इससे जुड़े कहानियों से संबंधित शिलालेख जगह जगह से प्राप्त हो रहे हैं। दुनिया भर की कहानियां बार बार भारत की ऒर सूयी दिखाती है। क्यों कि इस कहानी का पहला और पुराना उल्लेख हिन्दू पुराण में ही मिलता है। महा प्रलय का सबसे पहला उल्लेख सतपत ब्राह्मण में किया गया है। इसके बाद भागवत पुराण, मत्यपुराण और महाभारत में भी इसका उल्लेख है। इन सभी में एक व्यक्ति का नाम उभर कर आता है और वो है वैवस्वत मनु।

यह वैवस्वत मनु की कहानी ही थी जिसने अलग अलग देश में अलग अलग रूप से प्रचार प्रसार ले लिया। बाढ़ से पहले मनु के तीन पुत्र थे: चार्मा, शर्मा और यापीती। ठीक इसी प्रकार नॊहा के भी तीन पुत्र थे: हाम, शेम और याफेत। मनु और नॊहा भगवान के पुत्र थे और अपने निर्मल स्वाभव के कारण भगवान को प्रिय थे। मनु ने मलय पर्बत पर हज़ारों वर्ष तपस्या कर ब्रह्मा जी से वरदान मांगा था कि जब धरती पर महा प्रलय होगा तब इस दुनिया को बचाने का कार्य उन्हें सौंप दिया जाये। ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दिया था और भगवान विष्णु ने मत्स्य का रूप धर कर मनु और इस दुनिया को महाप्रलय से बचा लिया था।



Old Testament के बुक ऒफ जेनेसिस में नॊहा का भगवान द्वारा चुने गये व्यक्ति के रूप में वर्णन किया गया है। हिन्दु प्पुराणॊं में विष्णु ने मनु को एक विशाल नाव बनाने और पृथ्वी पर जीव को दुबारा से स्थापित करने के लिए जानवरों और बीज से भरने का निर्देश दिया था, जो नॊहा के कहानी में भी पायी जाती है। महा प्रलय के बाद मनु की नाव को मलाया पर्वत श्रृंखला के शीर्ष पर चढ़ाया गया था। ठीक इसी प्रकार नॊहा के नाव को अरारत पर्वत पर चढ़ाने का उल्लेख है। महा प्रल के बाद पृथ्वी पर पुन्हः आवास कार्य वैवस्वत मनु/नॊहा के द्वारा ही हुआ था। हम सभी महा प्रलय में बचे हुए हमारे पूर्वजों के ही संतान है।